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________________ ३२२ जैन कथा कोष सिंहरथ के मन्त्री का नाम मतिसागर था। वह राजा का दाहिना हाथ था। राजा सिंहस्थ की रानी का नाम कमलप्रभा था। कमलप्रभा कोंकण देश के राजा वसुपाल की छोटी बहन थी। राजा वसुपाल कोंकण देश की राजधानी थानापुरी में राज्य करता था। __रानी कमलप्रभा ने एक पुत्र को जन्म दिया। उसका नाम श्रीपाल रखा गया। अभी श्रीपाल पाँच-छह वर्ष का शिशु ही था कि राजा सिंहस्थ का स्वर्गवास हो गया। सिंहरथ की चिता ठंडी भी नहीं हो पायी थी कि उसके छोटे भाई वीरदमन ने सिंहासन पर अधिकार कर लिया। उसने श्रीपाल को भी मौत के घाट उतारने का षड्यन्त्र किया; लेकिन मन्त्री मतिसागर की सावधानी से रानी कमलप्रभा अपने पुत्र श्रीपाल को लेकर निकल गई। वन में उसे सात सौ कोढ़ियों का दल मिला। वीरदमन के सैनिकों से बचने के लिए कमलप्रभा अपने पुत्र को लेकर कोढ़ी-दल में मिल गई और उनके साथ रहने लगी। कोढियों के सम्पर्क से श्रीपाल को भी कोढ़ हो गया। यद्यपि श्रीपाल कोढ़ी हो गया था, फिर भी सभी कोढ़ी उसे उम्बर राणा कहते और राजा के समान ही आदर देते। श्रीपाल के कोढ़ी होने से रानी कमलप्रभा चिन्तित हो गई। जब कोढ़ीदल एक नगर के समीप पहुँचा तो कमलप्रभा नगर में कोढ़ की दवाई लेने चली गयी। जाते-जाते उसने कोढ़ियों के मुखिया से इतना अवश्य पूछ लिया कि आगे वे लोग किस नगर को जाएंगे। कोढ़ियों के मुखिया ने उज्जयिनी नगरी का नाम बता दिया। कमलप्रभा के जाने के बाद कोढ़ी-दल आगे बढ़ा और उज्जयिनी नगरी की सीमा पर जा पहुंचा। मालव देश की राजधानी उज्जयिनी में उस समय प्रजापाल नाम का राजा राज्य करता था। उसकी दो पुत्रियाँ थीं—बड़ी सुरसुन्दरी और छोटी मैनासुन्दरी। सुरसुन्दरी की माता का नाम सौभाग्यसुन्दरी और मैनासुन्दरी की माता का नाम रूपसुन्दरी था। राजा प्रजापाल बहुत ही अभिमानी था। वह अपने को सबका भाग्यविधाता मानता था। समझता था कि मैं किसी को भी सुखी अथवा दु:खी कर सकता हूँ। सुरसुन्दरी तो राजा के अहं को तुष्ट करती थी; लेकिन मैनासुन्दरी जिन धर्म और कर्मसिद्धान्त में दृढ़ निष्ठा वाली थी, वह सुख-दुःख का कारण अपने ही कर्मों को मानती थी। एक दिन राजसभा में दोनों पुत्रियाँ आयीं। बातों के दौरान सुरसुन्दरी ने
SR No.023270
Book TitleJain Katha Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChatramalla Muni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh prakashan
Publication Year2010
Total Pages414
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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