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________________ २१६ जैन कथा कोष गये। अनेक उपचार कराये गये पर सारे बेकार सिद्ध हुए। अन्त में उन रोगों से बुरी तरह पीड़ित होकर मृत्यु को प्राप्त हुआ। मरकर वह उसी नन्दा पुष्करिणी में आसक्त बना हुआ मेंढक के रूप में पैदा हुआ । जब वह मेंढक वहाँ कुछ बड़ा हुआ तब वहाँ स्नान करते, पानी पीते लोगों के मुँह से 'नन्दन मणिकार' के गुणगान करते हुए सुनकर मन में कुछ विचार आया। पूर्व परिचित-से शब्द लगे। चिन्तन करते-करते मेंढक को जाति-स्मरणज्ञान हुआ और उसने अपने पूर्वजन्म को देखा । भगवान् महावीर के द्वारा प्रदत्त बोध तथा उनसे स्वीकृत व्रत याद आये। सम्यक्त्व छोड़कर मिथ्यात्व में फंस जाने पर अनुताप करने लगा। उसी समय मेंढक ने अभिग्रह कर लिया कि मैं दो-दो दिन के व्रत करूँगा तथा पारणे के दिन भी बावड़ी का लोगों के स्नान आदि के द्वारा अचित बना हुआ जल ही ग्रहण करूँगा। यों कठिनतम अभिग्रह करके जीवन यापन करने लगा। ___प्रभु ने आगे कहा—मैं एक बार इसी 'राजगृही' में आया। लोगों के मुँह से मेरे आने का संवाद सुनकर वह मेंढक मेरे दर्शनार्थ वहाँ से चल पड़ा। उधर से राजा ' श्रेणिक' अपनी विशाल सेना के साथ दर्शनार्थ आ रहा था। महाराज के घोड़े के पैर से वह मेंढक दब गया। मरणासन्न मेंढक ने एक ओर जाकर अरिहन्त, सिद्ध धर्माचार्य का स्मरण करते हुए अनशन स्वीकार कर लिया। अनशनपक समाधिमरण प्राप्त करे वह मेंढक प्रथम स्वर्ग में दर्दुर नामक देव हुआ। यह वही देव वहाँ से दर्शनार्थ यहाँ आया तथा अपनी ऋद्धि दिखाकर अपने स्थान की ओर चला गया। यह दर्दुर देव वहाँ से महाविदेह में मनुष्य रूप में उत्पन्न होकर मोक्ष प्राप्त करेगा। -ज्ञाताधर्मकथा, १३ १२४. नंदिनीपिता (श्रमणोपासक) 'नंदिनीपिता' 'सावत्थी' नगरी में रहने वाला एक ऋद्धिसम्पन्न गाथापति था। उसके 'अश्विनी' नाम की एक सुशील और गुणवती पत्नी थी। 'नंदिनीपिता' के पास बारह कोटि सोनैये तथा दस-दस हजार गायों के चार गोकुल थे। भगवान् महावीर का वहाँ पदार्पण हुआ। 'नंदिनीपिता' ने प्रबुद्ध होकर श्रावक के बारह व्रत स्वीकार किये। पन्द्रह वर्ष तक श्रावक के व्रतों का निरतिचार पालन करके अपने ज्येष्ठ पुत्र को घर का भार सौंप स्वयं सांसारिक कार्यों से
SR No.023270
Book TitleJain Katha Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChatramalla Muni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh prakashan
Publication Year2010
Total Pages414
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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