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________________ जैन कथा कोष १०७ रही है? वह सुगन्ध का पीछा करता हुआ एक मंदिर में पहुँच गया। मंदिर चंडिका देवी का था। वहाँ जाकर राजा ने देखा कि देवी की मूर्ति केशर, चंदन, कपूर आदि सुगन्धित द्रव्यों से चर्चित है और एक पुरुष कीमती वस्त्राभूषण पहनकर देवी की पूजा कर रहा है। राजा ने उससे उसका परिचय पूछा तो उसने बताया—मैं वणिक्-पुत्र हूँ। वर्षों से मेरी आर्थिक स्थिति कमजोर थी। अब देवी मेरी भक्ति से प्रसन्न हो गई है। प्रात:काल जब मैं पूजा के लिए आता हूँ तो मुझे बहुमूल्य मणिमुक्ता आदि मिल जाते हैं। - राजा समझ गया कि चोर ही यहाँ धन चढ़ा जाता होगा। दूसरे दिन रात के समय राजा देवी के मंदिर में छिप गया। केशरी वहाँ आकाश-मार्ग से आया और बाएं हाथ में पादुका लेकर मंदिर में प्रविष्ट हुआ। राजा ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह बलपूर्वक राजा की पकड़ से छूटकर वन की ओर भागा। इस संघर्ष में उसकी पादुकाएं मंदिर में ही गिर गईं। अब केशरी पैदल ही भाग रहा था और राजा तथा उसके विश्वस्त सैनिक उसका पीछा कर रहे थे। केशरी समझ गया कि प्राण बचने कठिन हैं। भागते-भागते केशरी को एक ध्यानस्थ महामुनि के दर्शन हो गये। उसने उनसे उद्धार का उपाय पूछा । मुनिराज ने कहा—'राग-द्वेष-मुक्त होकर प्रवृत्ति करने से उद्धार हो सकता है।' केशरी ने अपने पापों की आलोचना की और आत्मध्यान में लीन हो गया। जब तक राजा और उसके सैनिक आये, तब तक तो उसे कैवल्य की प्राप्ति हो गई। देव-दुन्दुभियाँ बजने लगीं। राजा चकित रह गया। वन्दन करके उसने पूछा-'आप तो चोरी जैसे घोर पाप में लीन थे, फिर आपको इतनी जल्दी केवलज्ञान कैसे हो गया?' केवली मुनि केशरी ने कहा—'राजन ! बाल्यकाल में प्रतिदिन मैंने एक सामायिक करने का नियम लिया था। उस नियम को मैं आज तक निभाता आ रहा हूँ। यह साविधि शुद्ध भावों से सामायिक का ही चमत्कार है कि मेरे कर्म इतनी जल्दी क्षय हो गये। क्योंकि जो कर्म वर्षों के उग्र तप से भी नष्ट नहीं होते, वे समभावों से कुछ क्षणों में ही नष्ट हो जाते हैं।' राजा केवली मुनि केशरी को वन्दन करके चला आया और केवली मुनि ग्रामानुग्राम विहार करते हुए धर्म का निर्मल प्रकाश फैलाते रहे। -वर्धमान् देशना १/६
SR No.023270
Book TitleJain Katha Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChatramalla Muni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh prakashan
Publication Year2010
Total Pages414
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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