________________
सभी राजा राम और लक्ष्मण का राज्याभिषेक करते हैं। शत्रुघ्न परम प्रिय राज्य मथुरा पर राज्य करते हैं।
अनन्तर विद्याधरों का राजा रत्नरथ की पुत्री श्रीदामा से राम का और मनोरमा से लक्ष्मण का विवाह होता है।
इस प्रकार पद्मपुराण में वर्णित है कि राजा राम की देवांगनाओं के समान आठ हजार स्त्रियाँ थीं, उनमें से प्रथम सीता सहित प्रभावती, रतिनिभा और श्रीदामा यह चारों महादेवियाँ प्रमुख थीं। लक्ष्मण की आठ प्रमुख स्त्रियाँ थीं, विशल्या, रूपवती, वनमाला, कल्याणमाला, रतिमाला, जितपद्मा, भगवती और मनोरमा। लक्ष्मण के ढाई सौ पुत्र थे। ____ एक दिन सीता ने दो स्वप्न देखे। प्रथम में शुभ, द्वितीय में अशुभ फल जानकर सीता जिनमन्दिरों की वन्दना करती है। इधर प्रजा के प्रमुख लोग श्रीरामचन्द्रजी से सीता विषयक लोकनिन्दा का वर्णन करते हैं, जिससे राम का हृदय खिन्न हो जाता है।
रामचन्द्रजी लक्ष्मण को बुलाकर सीता के अपवाद का समाचार बताते हैं। लक्ष्मण उन्हें सीता के शील की प्रशंसा करते हुए समझाते हैं, परन्तु राम लोकापवाद के भय से सीता का परित्याग करते हुए उन्हें गंगा नदी के पार अटवी में सेनापति के द्वारा भेज देते हैं। सेनापति वापस आकर राम को सीता का सन्देश देते हैं, "जिस तरह लोकापवाद के भय से आपने मुझे छोड़ा, उस तरह जिनधर्म को नहीं छोड़ देना।"
वन की भीषणता और सीता की गर्भदशा का विचार कर राम बहुत दुखी होते हैं, लक्ष्मण उन्हें बहुत समझाते हैं।
इधर पुंडरीकपुर के राजा वज्रजंघ भयंकर अटवी में विलाप करती सीता को धर्मबहिन स्वीकृत कर अपने साथ पुंडरीकपुर ले जाते हैं। वहाँ नौ माह पूर्ण होने पर सीता के श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन दो सुखदायक पुत्र उत्पन्न हुए। उनमें से एक अनंगलवण और दूसरा मदनांकुश नाम से सुशोभित हुआ। ये दोनों बालक क्रम-क्रम से वृद्धि को प्राप्त हुए। सिद्धार्थ नासक क्षुल्लक ने दोनों पुत्रों को विद्याएँ सिखाईं।
राजा वज्रजंघ और रानी लक्ष्मी से उत्पन्न शशिचूला आदि बत्तीस पुत्रियों का विवाह अनंगलवण से और पृथिवीपुर के राजा की पुत्री कनकमाला से मदनांकुश का विवाह हो जाता है। विवाह के बाद दोनों वीरकुमार दिग्विजय कर अनेक राजाओं को अपने आधीन कर लेते हैं। एक बार नारद मुनि से राम और
पद्मपुराण :: 41