________________
समयसार
ग्रन्थ के नाम का अर्थ इस ग्रन्थ का नाम समयसार है। इसे समयपाहुड भी कहते हैं।
'समयसार' का अर्थ समयसार का अर्थ है-समय का सार। 'समय' शब्द के बहुत अर्थ होते हैं1. समय का एक अर्थ दर्शन है। यह पूरे दर्शन का सार है, इसलिए इसे
समयसार कहते हैं। 2. समय का अर्थ द्वादशांग जिनवाणी भी होता है, इसलिए समयसार का अर्थ __हुआ द्वादशांग जिनवाणी का सार। 3. समय शब्द का अर्थ पदार्थ भी होता है, द्रव्य भी होता है। सभी द्रव्यों का,
सभी पदार्थों का सार इस ग्रन्थ में है, अत: इसका नाम समयसार है। 4. समय शब्द का एक अर्थ आत्मा भी होता है। इस ग्रन्थ में आत्मा का सार है, . इसलिए इसका नाम समयसार है। 'समयपाहुड' का अर्थ 1. पाहुड का अर्थ है-'भेंट देना'। पाहुड शब्द प्राकृत में है। संस्कृत में इसे प्राभृत कहते हैं। प्राभृत का अर्थ होता है, उपहार देना। आचार्य कुन्दकुन्द ने भव्य जीवों को, श्रावकों को यह ग्रन्थ उपहार स्वरूप प्रदान किया है, इसलिए इस ग्रन्थ को समयपाहुड भी कहते हैं।
2. पाहुड शब्द का अन्य अर्थशास्त्रों में मिलता है कि जो परम्परा से चला आ रहा है, तीर्थंकरों की दिव्य ध्वनि से निकलकर आ रहा है, उसे पाहुड कहते हैं। यह ग्रन्थ साक्षात् तीर्थंकर की दिव्य ध्वनि से निकला है और बाद में
228 :: प्रमुख जैन ग्रन्थों का परिचय
नयचक्र :: 228