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वह पुरुष तीन लोक में सभी सुखों को और मोक्ष को प्राप्त करते हैं।
रत्नकरण्ड श्रावकाचार में श्रावकों के लिए जो धर्म का उपदेश दिया है, वह बड़ा ही हृदयग्राही, समीचीन, सुख देनेवाला और प्रामाणिक है, इसलिए गृहस्थों को इस ग्रंथ का अच्छी तरह से अध्ययन-मनन करना चाहिए। इसके अनुरूप आचरण करना निःसन्देह कल्याण करनेवाला है, आत्मा को उन्नत तथा स्वाधीन बनानेवाला है। यह ग्रन्थ धर्म का एक छोटा-सा परन्तु अनमोल पिटारा है।
रत्नकरण्ड श्रावकाचार:: 123