________________
8. इस जिनालय में सुपार्श्वनाथ व पार्श्वनाथ तीर्थंकरों की प्रतिमायें हैं। भगवान शीतलनाथ व वासुपूज्य भगवान की प्रतिमायें भी यहां विराजमान हैं। 11वीं सदी की ऋषभनाथ भगवान की प्रतिमा के दोनों ओर चौबीसी बनी है।
9. इस छोटे से जिनालय में धर्मनाथ भगवान की तीन प्रतिमायें विराजमान हैं। ____10. इसमें भगवान पुष्पदन्त की दो व अभिनंदन नाथ भगवान की दो युगल प्रतिमायें स्थित हैं।
11. इस मंदिर का केवल मंडपं ही शेष है। इसमें श्री मल्लिनाथ तीर्थंकर की तीन प्रतिमायें विराजमान हैं। - ___12. 10वीं शताब्दी के इस जिनालय में भगवान ऋषभनाथ, शान्तिनाथ की दो, मुनिसुव्रतनाथ व नेमिनाथ तीर्थंकरों की जिन-प्रतिमायें विराजमान हैं।
13. भगवान शान्तिनाथ के इस जिनालय में प्रतिमा के चारों ओर भामंडल व देवी-देवताओं का अंकन है। दो जिन-प्रतिमायें दोनों ओर विराजमान हैं जो भगवान कुंथुनाथ व अरहनाथ की हैं।
14. इस जिनालय में भगवान ऋषभनाथ की कायोत्सर्ग मुद्रा में जिन-प्रतिमा विराजमान है; जिसके परिकर में 23 अन्य तीर्थंकरों की कायोत्सर्ग मूर्तियां (छोटी, छोटी) हैं। भगवान विमलनाथ की मूर्ति भी इस जिनालय में हैं। एक अन्य मूर्ति भी विराजमान है। ___15. इस जिनालय में स्थित भगवान शान्तिनाथ, कुंथुनाथ व अरहनाथ की कायोत्सर्ग मुद्रा में जिन-प्रतिमायें 10वीं सदी की हैं।
16. यह जिनालय भगवान ऋषभदेव व उनके दो पुत्रों भरत व बाहुबली को समर्पित है। गर्भगृह में 8 फीट ऊँची भगवान ऋषभनाथ की मूर्ति मध्य में स्थित है। इसके परिकर में 23 अन्य जिन-मूर्तियां भी बनी हैं।
17. 9वीं सदी के इस जिनालय में भगवान शान्तिनाथ, कुंथुनाथ व अरहनाथ की खड्गासन जिन-प्रतिमायें स्थित हैं। ये सभी 12 फीट ऊँची कायोत्सर्ग मुद्रा में हैं। इसी जिनालय में माता त्रिशलादेवी की शयनासन प्रतिमा भी है।।
___18. बरामदे में दो मानस्तंभ स्थित है। इसमें भूतकाल में हुए चौबीस तीर्थंकरों की प्रतिमायें विराजमान हैं। सरस्वती व लक्ष्मी की मूर्तियां भी दर्शनीय हैं। चौबीस प्रतिमायें स्थापित हैं। ___ 19. इस जिनालय में भविष्य काल के चौबीस तीर्थंकरों की जिन-प्रतिमायें विराजमान हैं। सिंह चिह्न वाली भगवान महावीर स्वामी की ध्यानस्थ प्रतिमा भी यहां विराजमान है।
20. सात फणों वाली भगवान पार्श्वनाथ की दो कायोत्सर्ग प्रतिमायें इस जिनालय में स्थित हैं।
21. मंदिर के द्वार उत्तंग के ललाट पर गदाधारी क्षेत्रपाल हैं। इसमें भी भगवान पार्श्वनाथ के दो जिनबिम्ब व भगवान बाहुबली की प्रतिमा स्थित है।
94 - मध्य-भारत के जैन तीर्थ