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अतिशय क्षेत्र टोड़ी फतेहपुर . दूर-दूर तक विख्यात यह अतिशय क्षेत्र झांसी जिले की मऊरानीपुर तहसील में स्थित है व मऊरानीपुर से लगभग 30 किमी. दूर है। यहां दो दिगंबर जैन मंदिर है। यह पार्श्वनाथ की यक्षिणी पद्मावती के तथाकथित अतिशयों के लिये विख्यात है। जिनालय :
1. इस जिनालय में मात्र एक वेदिका में सभी 9 प्रतिमायें भगवान पार्श्वनाथ की हैं। सभी प्रतिमायें प्राचीन व 1 से 1.5 फीट अवगाहना वाली हैं। सभी प्रतिमायें पद्मासन मुद्रा में विराजमान हैं।
2. इस जिनालय में नीचे तीन वेदिकायें हैं। प्रथम वेदिका सामने है। जिसमें एक जिनबिम्ब स्थापित है। उसके पार्श्व भाग में एक बड़ी वेदिका है। यह वेदिका उत्तराभिमुख है। इसमें 40 से अधिक प्राचीन जिनबिम्ब विराजमान हैं। ___ 3. तीसरी वेदिका पूर्वाभिमुख है। इसमें कुछ पाषाण प्रतिमाओं के अलावा अनेक धातु से निर्मित प्रतिमायें भी विराजमान हैं। यहां वेदी व जिनबिम्ब अतिशयकारी माने जाते हैं। प्रथम तल पर भी तीन वेदिकायें हैं। 2009 में कुछ नवीन वेदिकाओं का निर्माण भी हुआ व आचार्य श्री विशुद्धसागर जी के सान्निध्य में श्रीमद् जिनेन्द्र पंच कल्याणक एवं जिनबिम्ब प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई। इस तल पर चौबीसी व समवशरण की रचना भी है; जो नवीन है।
आवागमन : क्षेत्र झांसी-मानिकपुर रेलवे लाइन पर मऊरानीपुर स्टेशन से लगभग 30 किमी. दूर है।
सुविधा : धर्मशाला है। अतिशय : दुःख, दर्द, बाधायें दूर करने हेतु यात्री बहुधा यहां आते हैं।
मम्य-भारत के जैन तीर्थ - 81