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नेमिनाथ की प्रतिमा इस जिनालय में विराजमान है। यह मूर्ति चार अष्टकोणीय दीवालों वाले मेरु मंदिर में विराजमान है। मंदिर की जालीनुमा दीवालें अत्यन्त अलंकृत है।
2/8. महावीर जिनालय- 1981 में स्थापित संगमरमर की भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा मूलनायक के रूप में इस जिनालय में विराजमान है। भगवान अनन्तनाथ व विमलनाथ की पद्मासन प्रतिमायें भी इस जिनालय में विराजमान हैं।
2/9. चौबीसी जिनालय- इस जिनालय में भूत, वर्तमान व भविष्य काल की तीन चौबीसी में कुल 72 जिनबिम्ब विराजमान हैं। एक पाषाण में तीर्थंकर के माता-पिता की 3 फुट 4 इंच ऊँची प्रतिमायें भी उत्कीर्ण हैं। वेदिका के ऊपर तीर्थंकर के अभिषेक का मनोहरी अंकन किया गया है। जिसमें गंधर्व, विद्याधर व कलशधारी देव सम्मिलित है।
10. शान्तिनाथ जिनालय- इस जिनालय में 1981 में स्थापित भगवान शान्तिनाथ की प्रतिमा विराजमान है। इस प्रतिमा के दायीं व बायीं ओर भगवान कुंथुनाथ व अरहनाथ की प्रतिमायें विराजमान हैं। सभी प्रतिमायें कायोत्सर्ग मुद्रा में हैं।
11. आदिनाथ जिनालय- 1981 में स्थापित संगमरमर से निर्मित भगवान आदिनाथ की मूर्ति इस जिनालय में मूलनायक के रूप में विराजमान है। वेदिका पर मूलनायक के पार्श्व भागों में भगवान अरहनाथ व आदिनाथ की प्रतिमायें विराजमान हैं। इस जिनालय का प्रवेश द्वार व अर्धमंडप प्राचीन जैन मंदिर का भाग है। प्रवेश द्वार के ऊपर 16 मांगलिक स्वप्न, तीर्थंकरों, नवगृहों व नीचे के भाग में गंगा-यमुना की मनोहारी प्रतिमाओं को उकेरा गया है।
2/12. चन्द्रप्रभु जिनालय- इस जिनालय के दोनों ओर की दीवालें प्राचीन जिनालय की बाहरी दीवाल के अवशिष्ट हैं। इस जिनालय में 3 फुट 4 इंच ऊँची भगवान चन्द्रप्रभु की पद्मासन मूर्ति विराजमान है। मूर्ति के पार्श्व में यक्ष-यक्षिणी भी बने हैं। इस जिनालय की दीवालों पर ब्रह्माणी, यम निक्रति, अम्बिका, ईशान, इन्द्र, गोमुख, अप्सराओं, दिक्पाल व पद्मावती की मूर्तियां उत्कीर्ण हैं। ____/13. पार्श्वनाथ जिनालय- इस जिनालय में विलहारी से प्राप्त अति सुंदर 3 फुट 7 इंच ऊँची भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन मूर्ति विराजमान है। तोरण भाग में 13 छोटे-छोटे जिनबिम्ब उत्कीर्ण हैं। अर्धमंडप के वितान पर चारों ओर चार तीर्थंकरों के अभिषेक तथा नीचे चारों ओर जैन आचार्यों के उपदेश एवं शचंवरधारी आकृतियों के कुछ अन्य प्रसंगों को उत्कीर्ण किया गया है। अर्धमंडप के स्तंभों पर द्वारपाल की मूर्तियां बनी हैं। मंदिर के उत्तंगरग पर ललाट-बिम्ब में
मध्य-भारत के जैन तीर्थ- 37