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क्षेत्र.. 1. नेमिनाथ जिनालय- इस जिनालय में 1 फीट 2 इंच ऊँची पद्मासन प्रतिमा कृष्ण वर्ण की सं. 1939 में प्रतिष्ठित है, भगवान नेमिनाथ की विराजमान है। भगवान चन्द्रप्रभु की 2 फीट 1 इंच ऊँची श्वेत वर्ण की पद्मासन प्रतिमा भी विराजमान है।
2. आदिनाथ जिनालय- यहां 3 फीट 8 इंच ऊँची देशी पाषाण से निर्मित सं. 1380 में प्रतिष्ठित भगवान आदिनाथ की प्रतिमा विराजमान है। बगल के गर्भगृह में 3 फीट 3 इंच ऊँची नेमिनाथ भगवान की 1967 में प्रतिष्ठित पदमासन प्रतिमा, पार्श्वनाथ की 3 फीट 5 इंच ऊँची सं. 1939 में प्रतिष्ठित व 3 फीट 5 इंच ऊँची खड्गासन भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा भी विराजमान है। अन्य गर्भालय में 10 फीट ऊँची भगवान शान्तिनाथ की सं. 1380 में प्रतिष्ठित कायोत्सर्ग मुद्रा में आसीन है। परिकर में सभी हैं। दायें-बायें कुंथुनाथ व अरहनाथजी की प्रतिमा आसीन है।
3. पार्श्वनाथ जिनालय- यहां 4 फीट 7 इंच ऊँची पद्मासन मुद्रा में सं. . 1242 में प्रतिष्ठित प्रतिमा विराजमान है।
___ 4. 84 फीट ऊँची भगवान आदिनाथ की प्रतिमा पहाड़ी में उकेरी गई है। जिसका विवरण ऊपर दिया जा चुका है।
5. आदिनाथ जिनालय- यहां सं. 1380 में प्रतिष्ठित पद्मासन प्रतिमा 2 फीट ऊँची विराजमान है। अन्य प्रतिमायें भी हैं।
पहाड की चोटी पर चूलगिरी जिनालय में निम्नांकित प्रतिमायें विराजमान हैं
6. इस विशाल जिनालय में मुनियों के चरण-चिह्न, चन्द्रप्रभु, मल्लिनाथ के अलावा 36 प्रतिमायें और हैं। 14 मूर्तियों पर सं. 1380 लिखा है। इन प्रतिमाओं में 7 श्वेत, 6 कृष्णवर्ण व 13 भूरे रंग की हैं। 4 शिलालेख क्रमशः 1116, 1223 व 1508 के हैं। परिसर में 22 खंडित मूर्तियां रखीं हैं। इनमें 4 फीट 4 इंच ऊँची नेमिनाथ व 4 फीट 3 इंच ऊँची पार्श्वनाथ की प्रतिमायें प्रमुख हैं। मंदिर के पृष्ठ में 2 फीट 2 इंच ऊँची नग्न हाथ जोड़े 1 फीट 8 इंच ऊँची मूर्ति, मुनिमूर्ति 2 हैं। इस जिनालय में स्थित जिनबिंब अधिकांश पदमासन मुद्रा में किंतु विशालकाय हैं।
तलहटी में मानस्तंभ सहित 20 जिनालय है। मुनिसुव्रतनाथ भगवान की दो प्रतिमायें सं. 1131 की हैं। धर्मशालायें, शिकार की मनाही, वार्षिक मेला पौष सुदी 8 से 15 तक लगता है।
तालनपुर यह क्षेत्र धार जिले के कुक्षि से 3 किलोमीटर दूर है, बड़वानी से यह 22 किलोमीटर है। क्षेत्र तक पक्की सड़क है। एक विशाल दिगंबर जैन मंदिर में 2.6 फीट अवगाहना की पद्मासन पाषाण प्रतिमा भगवान मल्लिनाथ की विराजमान है। यह प्रतिमा सं. 1325 की है। जिनालय में बिना लेखवाली अन्य 164 - मध्य-भारत के जैन तीर्थ