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पर स्थित महौली गांव से भी पहुंचा जा सकता है। यहाँ से यह 5 किलोमीटर
यहाँ के जिनालय में एक विशाल पद्मासन तीर्थंकर प्रतिमा विराजमान हैं। प्रतिमा अत्यन्त सुंदर, आकर्षक, मनोज्ञ व प्रभावोत्पादक है। स्थानीय अहीर व गूजर इसे भीमसेन बाबा कहते हैं। ग्रामीण लोग इसे बैठादेव कहते हैं।
बीठला यह तीर्थक्षेत्र भी चंदेरी-ईसागढ़ मार्ग पर चंदेरी से 13 किलोमीटर दूर स्थित भाण्डरी गांव से भियादान्त होते हुये भाण्डरी गांव से 8 किलोमीटर दूर है। महौली गांव से यह क्षेत्र 6 किलोमीटर दूर है। मार्ग कच्चा है। बीठला गांव से दो फर्लाग की दूरी पर एक प्राचीन जैन मंदिर स्थित है। इस जिनालय के आसपास भी अनेक खंडित प्रतिमायें पड़ी हुई हैं; जिसमें भगवान संभवनाथ व मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमाओं को पहचाना जा सकता है। यह जिनालय 10-12वीं सदी का है।
मध्य-भारत के जैन तीर्थ - 155