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मार्ग; जो क्षेत्र स्थित नीचे की सड़क से इन जिनालय को जोड़ता है। यहाँ ठहरने व पूजन, पानी आदि की समुचित व्यवस्था है। ___19. आदिनाथ जिनालय- यहाँ से आगे कुछ सीढ़ियाँ चढ़ने पर हम पुनः एक आदिनाथ जिनालय पहुंचते हैं। इस जिनालय में लगभग 4 फीट ऊँची भगवान आदिनाथ की मनमोहक प्रतिमा श्यामवर्ण में विराजमान है।
20. पद्मप्रभु जिनालय- इस जिनालय में श्वेतवर्ण की लगभग 1.25 फीट ऊँची सं. 1584 की भगवान पद्मप्रभु की मनमोहक प्रतिमा विराजमान है।
- 21. चन्द्रप्रभु जिनालय- इस जिनालय में आंठवें तीर्थंकर भगवान चन्द्रप्रभु की छोटी किन्तु भव्य प्रतिमा विराजमान हैं।
22. पार्श्वनाथ जिनालय- इस छोटे से जिनालय में भगवान पार्श्वनाथ की चार प्रतिमायें विराजमान हैं। इनमें से एक प्रतिमा श्याम वर्ण की लगभग 2.5 फीट ऊँची है।
23. मुनिसुव्रतनाथ जिनालय- इस जिनालय में मूलनायक के रूप में भगवान मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमा आसीन है। दो प्रतिमायें भगवान पार्श्वनाथ की भी इस जिनालय में विराजमान है। कुछ अन्य तीर्थंकर प्रतिमायें भी यहाँ स्थित हैं।
24. पार्श्वनाथ जिनालय- इस जिनालय में मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन प्रतिमायें हैं; जिसके सिर पर सप्त फणावली बनी हुई है। प्रतिमा की अवगाहना 3.5 फीट है। इसके पाद्मूल में कोई प्रशस्ति नहीं है। बायीं ओर खड्गासन मुद्रा में कृष्ण वर्ण लगभग 6 फीट अवगाहना की भगवान संभवनाथ की प्रतिमा स्थित है। कुछ अन्य तीर्थंकरों की प्रतिमा भी यहाँ है। .
25. पार्श्वनाथ जिनालय- इस जिनालय में भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन प्रतिमा है। जिसकी अवगाहना लगभग 1.25 फीट होगी। पार्श्व भागों में श्वेत वर्ण की भगवान आदिनाथ की प्रतिमायें भी यहाँ विराजमान है। ... 26. पार्श्वनाथ जिनालय- सं. 1870 में प्रतिष्ठित लगभग 3 फीट ऊँची भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन प्रतिमा इस जिनालय में प्रतिष्ठित है।
27. शीतलनाथ जिनालय- इस जिनालय में भगवान शीतलनाथ की प्राचीन पद्मासन प्रतिमा विराजमान है। ___28. चन्द्रप्रभु जिनालय- इस जिनालय में भगवान चन्द्रप्रभु की प्राचीन प्रतिमा पद्मासन मुद्रा में विराजमान है।
29. चन्द्रप्रभु जिनालय- इस जिनालय में भी भगवान चन्द्रप्रभु की 3 फीट ऊँची प्रतिमा आसीन है।
30. चन्द्रप्रभु जिनालय- इस जिनालय में श्वेत वर्ण की लगभग 1 फीट ऊँची पद्मासन मुद्रा में भगवान चन्द्रप्रभु की प्रतिमा विराजमान है।
106 - मध्य-भारत के जैन तीर्थ