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31. अरहनाथ जिनालय- लगभग 1.25 फीट ऊँची श्वेत वर्ण की यह पद्मासन प्रतिमा भगवान अरहनाथ की है। जिसका प्रतिष्ठाकाल सं. 1548 है। ____32. अरहनाथ जिनालय-इस जिनालय में श्यामवर्ण की लगभग 1.25 फीट अवगाहना की सं. 1952 में प्रतिष्ठित भगवान नेमिनाथ की प्रतिमा मूलनायक के रूप में विराजमान है। इस प्रतिमा के पार्श्व भागों के चन्द्रप्रभु व सुपार्श्वनाथ की प्रतिमायें विराजमान है।
33. पार्श्वनाथ जिनालय-इस जिनालय में मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा विराजमान हैं। यह प्रतिमा लाल रंग की 3 फीट ऊँची पद्मासन मुद्रा में सं. 1858 की प्रतिष्ठित हैं पार्श्व भागों में स्थित वेदियों में भगवान चन्द्रप्रभु की इसी काल में प्रतिष्ठित प्रतिमायें विराजमान हैं।
34. पार्श्वनाथ जिनालय-इस जिनालय में मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन प्रतिमा जो सं. 1897 की प्रतिष्ठित है व श्याम वर्ण की 3 फीट ऊँची है विराजमान है। पार्श्व भागों में भगवान शान्तिनाथ की प्रतिमायें आसीन है।
___35. आदिनाथ जिनालय- इस जिनालय में 1889 में प्रतिष्ठित श्वेत वर्ण की -1 फीट अवगाहना की भगवान आदिनाथ की प्रतिमा आसीन है, प्रतिमा पद्मासन में है। पार्श्व भागों में मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमायें भी विराजमान हैं।
36. चन्द्रप्रभु जिनालय- इस जिनालय में मूलनायक भगवान चन्द्रप्रभु की 1.6 फीट ऊँची श्वेत वर्ण की पद्मासन प्रतिमा विराजमान है। जो सं. 1548 की प्रतिष्ठित है। इस वेदिका पर भगवान नेमिनाथ, अरहनाथ व चन्द्रप्रभु की प्रतिमायें भी आसीन हैं।
37. संभवनाथ जिनालय- इस जिनालय में खड्गासन में स्लेटी वर्ण की लगभग 4 फीट ऊँची भगवान संभवनाथ की प्रतिमा आसीन है।
38. पार्श्वनाथ जिनालय- सं. 1611 में प्रतिष्ठित श्वेत वर्ण की लगभग 2 फीट ऊँची पद्मासन प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की है।
39. आदिनाथ जिनालय- सं. 1996 में प्रतिष्ठित श्वेत वर्ण की लगभग 1.5 फीट अवगाहना वाली भगवान आदिनाथ की प्रतिमा विराजमान है। पार्श्व भागों में तीर्थंकर प्रतिमायें आसीन हैं। यह पर्वत स्थित जिनालयों में अंतिम जिनालय है। नीचे तलहटी में 20 जिनालय विद्यमान हैं। ये सभी जिनालय विशाल शिखर वाले, प्रांगणों सहित, भव्य व मनोहारी हैं।
40. पार्श्वनाथ जिनालय- इस जिनालय में लगभग 4 फीट ऊँची श्वेत वर्ण की भगवान पार्श्वनाथ की मनोज्ञ प्रतिमा विराजमान हैं। प्रतिमा प्राचीन है वेदी में दो पाषाण निर्मित मूर्तियां भी रखीं हैं।
41. चन्द्रप्रभु जिनालय- इस जिनालय में भगवान चन्द्रप्रभु की श्वेत वर्ण प्रतिमा विराजमान हैं। इसमें कुछ और तीर्थंकर प्रतिमायें भी विराजमान हैं।
मध्य-भारत के जैन तीर्थ - 107