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________________ जिनदत्तसूरि ने निम्न प्रन्थों की रचना की थीस्तुतिपरक रचनाएँ: १. गणधरसाढे शतक, भाषा प्राकृत, पद्य १५० २. गणधरसप्ततिका, भाषा प्राकृत, पद्य ७५ ३. सर्वाधिष्ठायी स्तोत्र (तंजयउस्तोत्र), भाषा प्राकृत, पद्य २६ ४. सुगुरु पारतन्त्र्य-स्तोत्र (मयरहियंस्तोत्र) भाषा प्राकृत, पद्य २१ ५. विघ्नविनाशीस्तोत्र ( सिग्धपवहरड-स्तोत्र ), भाषा प्राकृत, पद्य १४ ६. श्रुतस्तव, भाषा प्राकृत, पद्य २७ ७. अजित शान्तिस्तोत्र, भाषा संस्कृत, पद्य १५ ८. पार्श्वनाथ मन्त्रगर्मितस्तोत्र, भाषा प्राकृत, पद्य ३७ 8. महाप्रभावक स्तोत्र, भाषा प्राकृत, पद्य ३ १०. चक्रेश्वरी स्तोत्र, भाषा संस्कृत, पद्य १० ११. योगिनी स्तोत्र १२. सर्वजिन स्तुति, भाषा संस्कृत, पद्य ४ १३. वीर-स्तुति, भाषा संस्कृत, पद्य ४ उपदेशपरक एवं आचारपक्षीय रचनाएँ १४. सन्देह दोलावली, भाषा प्राकृत, पद्य १५० १५. उत्सूत्र पदोद्घाटन कुलक, भाषा प्राकत, पद्य ३० १६. चैत्यवन्दनकुलक, भाषा प्राकृत, पद्य २८ १७. उपदेशकुलक, भाषा प्राकृत, पद्य ३४ २८. उपदेशधर्म-रसायन, भाषा अपभ्रंश, पद्य ८० १६. कालस्वरूप कुलक, भाषा अपभ्रंश, पद्म ३२ २०. चर्चरी, भाषा अपभ्रंश, पद्य ४७ अन्य फुटकर रचनाएँ २१. अवस्था कुलक २२. विशिका १६६
SR No.023258
Book TitleKhartar Gachha Ka Aadikalin Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherAkhil Bharatiya Shree Jain S Khartar Gachha Mahasangh
Publication Year1990
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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