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सिरि भूवलय - इरुव भूवलय दोळे ळनूर हदिनेंटु सरसभाषेगळवतार ॥४-१७७॥ भूवलय में७१८ सरस भाषाओं का अवतार है। वरदवादेन्नूर हदिनेंटु भाषेय । सरमालेयागलुं विद्या ॥१०-२१०।। विशेष ७१८ भाषाओं की विद्या। साविरदेन्ट भाषेगळिरलिवनेल्ल । पावन महवीरवाणी।। काव धर्माकवु ओंबत्तागिपार्ग। तावु अळनूर हदिनेंटु ॥५-१००॥ पावन रूपी महावीर वाणि धर्म का अंक नौ और भाषाएँ ७१८। इसमें समाहित १८ भाषाओं के पदों को गुणन कर लिखा गया है। इद रोळु हुदुगिद हदिनेंटु भाषेय । पदगळ गुणिसित बरुवर ॥५१२४॥ वासवरेल्लराडुव दिव्यभाषेय। राशिय गणितद कट्टि॥ मानव द्वारा बोली जाने वाली सभी भाषाओं को गणित में बाँधा गया है। आशाधर्मा मत कुम्भ्दोळगिह । श्रीशनेल्नरंक भाषे ।।५-१२३॥ मिक्किह ऐळ्नूर नक्षर भाषेयं । दक्किप दृव्यागमर।। अमृत कुंभ में श्रीअंक भाषा समाहित है। शेष बचे अक्षर भाषा को पहचाने ? तक्क ज्ञानव मुन्दकरियुव आशेय। चोक्क कन्नाड भूवलय ॥५-१७५।। इच्छित ज्ञान को जानने के लिए सुन्दर कन्नड का भूवलय। प्रकटित सर्वभाषांक ॥६-१४।। प्रकटित सर्व भाषा अंक । घनवादेळ्नूर हदिनेंटु । जिनवधर्मानभाषेगळु ।।६-४५.४६।। जिन धर्म के द्वारा प्रसारित दृढ ७१८ भाषाएँ साकूभाषे ऐळ्नूर हदिनेंटु ॥९-१७४।। व्यवहारिक भाषाएँ ७१८