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________________ भौगोलिक स्थिति ५३७ देश के नाम से प्रसिद्ध है । पहले इस देश में महाचीन तदुपरान्त गोड देश के लोग रहने लगे थे । पश्चिमी काठमाण्डु से भी इसकी सीमा लगती थी । ' ६३. मूलस्थान - हस्तिनापुर के पश्चिम की ओर स्थित रामायण की मालभूमि तथा महाभारत तथा हर्षचरित के मालव को 'मूलस्थान' से प्रभिन्न माना गया है । आजकल इसे मुल्तान संज्ञा दी जाती है । रावी नदी के तट पर यह देश स्थित था । सिकन्दर कालीन इतिहासकारों के अनुसार 'मूलस्थान' मल्लदेश की राजधानी थी 13 ६४. अश्मक ४ – ब्रह्मपुराण के अनुसार दाक्षिणात्य देश है । किन्तु कूर्म पुराण के अनुसार इसे पंजाब से सम्बद्ध माना जाता है। डे महोदय के अनुसार इसकी स्थिति गोदावरी तथा महिष्मती नदियों के मध्य मानी गई है। ६५. सौवीर – वासुदेव शरण अग्रवाल ने इसे सिन्धु प्रान्त अथवा सिन्ध नदी के नीचे वाला प्रदेश माना है । ७ पाणिनि ने भी सौवीर देश का उल्लेख किया है 15 संभवत: इस प्रदेश में मुल्तान तथा जहुरावर के प्रदेश सम्मिलित थे । १० ६६. ढिल्लो ' (दिल्ली ) - महाभारत के अनुसार पाण्डवों ने इसे 'इन्द्रप्रस्थ' के रूप में बसाया था । १२वीं शती में पृथ्वीराज चौहान की रियासत की राजधानी दिल्ली थी । १३२७ ईस्वी के अभिलेखानुसार चौहानों ने दिल्ली को तोमरों से लिया था । हरियाना देश की सुन्दरनगरी 'ढिल्ली' की स्थापना चोथी शतो ई० में अनंगपाल तोमर ने की थी । ११ Dey, Geog. Dic., p. 140 १. २. हम्मीर० ३.१२ ३. Dey, Geog. Dic., p. 133 ४. वराङ्ग०, १६.३२ ५. Dey, Geog, Dic., p. 13 ६. वराङ्ग०, १६.३३ ७. वासुदेव शरण अग्रवाल, पाणिनिकालीन भारतवर्ष, काशी, संवत् २०१२, पृ० ६४ ८. अष्टाध्यायी, ४.१.१४८ ६. नेमिचन्द्र शास्त्री, प्रादिपुराण में प्रतिपादित भारत, पृ० ७१ १०. हम्मीर०, ३.५०, ४.१६ ११. विजयेन्द्र कुमार माथुर, ऐतिहासिक स्थानावली, पृ० ४३४
SR No.023198
Book TitleJain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohan Chand
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year1989
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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