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जैन संस्कृत महाकाव्यों में भारतीय समाज
५७. गुर्जर देश' – ह्व े नत्सांग ने गुर्जर देश को वलभी से ३०० मील उत्तर में तथा उज्जैन से ४६७ मील उत्तर पश्चिम में बताया है। इस राज्य की परिधि ८३३ मील थी तथा इसमें वर्तमान बीकानेर, जैसलमेर तथा जोधपुर के कुछ भाग भी सम्मिलित थे । यहाँ के निवासी किसी समय पंजाब में रहते थे और बाद में काठियावाड़ द्वीपकल्प में श्राए जिसके कारण इसे गुजरात भी कहा जाता है ।
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५८. तिलंग ३ - यह देश गोदावरी तथा कृष्णा नदी के मध्य स्थित था । तिलंग देश की राजधानी 'कोलोकोन्दै' अथवा 'गोलकुण्डा' रही थी । 'तेलिंग' 'तेलुगु' प्रादि इसके अन्य पर्यायवाची नाम प्रचलित हैं । ४
५६. चाहमान देश – यह देश चाहमान (चौहान) वंश के राजानों के साम्राज्य क्षेत्र का द्योतक है। 'चाहमान देश' नामक किसी ऐतिहासिक प्रदेश की सूचना नहीं मिलती। हम्मीर महाकाव्य में राजस्थान में चाहमान वंश का राज्य था जिसकी राजधानी रणथम्भौर थी ।
६०. महाराष्ट्र ७ – गोदावरी तथा कृष्णा नदी के मध्यवर्ती प्रदेश में स्थित महाराष्ट्र किसी समय में दक्षिण का भी द्योतक बन गया था। प्रशोक के समय में भी इसे 'महाराष्ट्र' संज्ञा प्राप्त थी। 5
६१. मध्यदेश – सरस्वती नदी के तटवर्ती नगरों कुरुक्षेत्र, इलाहाबाद तथा हिमालय एवं विन्ध्य पर्वत से प्रावृत मध्यदेश के अन्तर्गत ब्रह्मर्षि तथा ब्रह्मावर्त्त क्षेत्र सम्मिलित थे । काम्पिल्य मध्य देश की पूर्वी सीमा थी तथा इसके अन्तर्गत पांचाल, कुरु, मत्स्य, यौधेय, कुन्ती, शूरसेन, पटच्चर प्रादि देश श्रातें हैं । १०
६२. नेपाल ११ – नेपाल घाटी की नाग-बास, अथवा कालिह्रद झील नेपाल
१. कीर्ति०, ४.४६; ७५, हम्मीर०, १.६७
२. कनिंघम, प्राचीन भारत का ऐतिहासिक भूगोल, पृ० २१५
३. हम्मीर०, ११.१
४.
५. हम्मीर०, १०.३१
६. हम्मीर०, ४.८४
७. वही, ६.४६
८.
६. हम्मीर०, १०.१६
१०. Dey, Geog., Dic., p. 116 ११. हम्मीर०, ११.१
Dey, Geog. Dic., p. 204
Dey, Geog. Dic., p. 118