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भौगोलिक स्थिति
५३३ १. कामरूप' –प्राधुनिक प्रासाम, जिसकी उत्तरी सीमाओं में भूटान के कुछ प्रदेश, दक्षिण की ओर ब्रह्मपुत्र, लाख्य, वङ्ग एवं मणिपुर पड़ते हैं । दल्पनी नदी के तट पर स्थित ताम्रश्वरी देवी का मन्दिर (पूर्वी कामरूप) इस देश की पूर्वी सीमा है ।२
४२. सिंहल3 -प्राधुनिक लङ्का ।।
४३. सौराष्ट्र ५ --गुजरात, कच्छ, काठियावाड़ आदि के प्रान्त सौराष्ट्र में स्थित थे। इसकी राजधानी वलभी कहलाती थी।
४४ सुरमा-भरत क्षेत्र का एक देश ।
४५. डाहल-शक संवत् ११८३ के मल्कपुरम् अभिलेख में 'डाहल मण्डल' का उल्लेख पाया है तथा इस स्थान की विस्तार सीमा भागीरथी तथा नर्मदा के मध्य मानी गई है-'भागीरथीनर्मदयोर्मध्यं डाहलमण्डलम्' । इसी अभिलेख के अनुसार इस मण्ड त्र में लगभग तीन लाख गांव विद्यमान थे।१° बुह लर ने 'डाहलमण्डल' को बुन्देलखण्ड के रूप से स्पष्ट किया है जिसे प्राचीन काल में चेदि के रूप में जाना जाता था।
४६. भगुकच्छ१२-'भग पाश्रम' का विकृत नाम जिसे भरुकच्छ भी कहा जाता है । यह स्थान उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में था। एक दूसरा भृगु प्राश्रम गोमती कुण्ड के समीप पड़ता है, जो माउण्ट पाबु के पास स्थित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भृगुकच्छ भृगु ऋषि का निवास स्थान था तथा यह राजा बलि की राजधानी भी रही है । 3 ।
१. जयन्त, ११.६०; वर्ष०, ४.४६; वराङ्ग०, ८.३ २. Dey, Geog. Dic. p. 87 ३. जयन्त०, ६.१३, १०.५२ ४. Dey, Geog. Dic., p. 185 ५. वराङ्ग०, १६.३२; वसन्त०, ११.३१; कीर्ति०, २.२५ ६. Dey, Geog. Dic., p. 183
वर्ष०, ५.३२ ८. वही, ५.३२ ६. वसन्त०, १०.२५ १०. Sircar, D. C., Studies in the Geography of Ancient and Medi
eval India, p. 201. ११. Dey, Geog. Dic., p. 48 १२. वसन्त०, ५.१६; कीर्ति० ४.४३ १३. Bajpai, Geog, Ency., Pt. I, p. 70