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भौगोलिक स्थिति
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भाग भी विन्ध्याचल की क्षेत्र सीमा में आता है।' 'रौप्यगिरि'२ इसकी अपर संज्ञा है ।
५. हिमालय४-इसके 'हिमवत्', 'हिमवान्' आदि नाम भी प्रसिद्ध हैं। हिमालय पर्वत का क्षेत्र मानसरोवर के दक्षिण की ओर पड़ता है।
६. कैलाश-यह पर्वत मानसरोवर के २५ मील उत्तर की ओर स्थित है । तिब्बत की कुछ सीमा इससे मिलती है ।
७. पारिजात-संभवतः पारियात्र पर्वत से इसका अभिप्राय रहा हो । इसका दूसरा नाम पारिपात्र भी है। यह विन्ध्याचल पर्वतमाला का पश्चिमी भाग है । भण्डारकर के अनुसार यह पर्वत विन्ध्याचल का वह भाग है जिसमें से वेतवा तथा चम्बल नदियों का उद्गम होता है ।
८. ऋक्ष पर्वत -गौतमी पुत्र शातकर्णी के नासिक शिलालेख में इस पर्वत का उल्लेख पाया है। राय चौधरी के अनुसार मध्य विन्ध्याचल के क्षेत्र में इसकी स्थिति रही होगी।"
६. माहेन्द्र १२-विन्ध्याचल की पर्वत-मालाओं से इसकी शृङ्खलाएं मिली हुई हैं तथा इसका निकटवर्ती पर्वत गौण्डवन भी है ।१३
१०. सह्य'४-इस पर्वत की स्थिति कावेरी नदी के उत्तरस्थ पश्चिमी घाट के उत्तरी भाग में स्वीकार की गई है ।१५
१. Gupta ,Geog in Indian Ins., p. 249 २. वर्ध० १२.२ ३. पन्नालाल जैन, वर्धमानचरित, पृ० ३०१
चन्द्र०, १६.५२, कीर्ति०, १.६१, द्वया० १.६५ ५. Dey, Geog. Dic., p. 75 ६. वराङ्ग०, २५.५८, वसन्त०, १२.१५, द्वया० ५.२३ ७. Dey, Geog. Dic., p. 82 ८. द्वया०, १.६५ ६. Dey, Geog. Dic., p. 149 १०. द्वया०, १.६५ ११. Gupta, Geog. in Indian Ins. p. 248 १२. द्वया०, १.६५ १३. Dey. Geog, Dic., p. 119 १४. द्वया०, १.६५ १५. Gupta, Geog., in Indian Ins., p. 246