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________________ ४६७ स्त्रियों की स्थिति तथा विवाह संस्था विचारक न तो कोई ऐसा आन्दोलन ही दे पाए जिससे नारी जाति पर होने वाले अत्याचारों का प्रतिरोध किया जा सके और न ही नारी समाज संगठित होकर इतना साहस जुटा पाया कि वह छीने हुए अपने मौलिक अधिकारों को पुनः प्राप्त कर सके । शायद नारी समाज की यही सबसे बड़ी कमजोरी रही है कि अपनी स्वतन्त्रता को प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उसे अपने पिता, पति या पुत्रों से ही संघर्ष करने की आवश्यकता थी जिसके प्रति वह न तो सचेत थी और न ही ऐसा करना उचित समझती थी । वराहमिहिर, कालिदास, भवभूति श्रादि अनेक विचारकों ने नारी की इस विवशता को पहचाना है तथा उसकी परवशता श्रौर कर्त्तव्यपरायणता के प्रति हार्दिक संवेदनाएं भी प्रकट की हैं । आलोच्य युगीन मध्यकालीन नारी पालोच्य महाकाव्ययुग में सामाजिक दृष्टि से मध्यकालीन नारी की स्थिति स्मृतिकारों की प्राचारसंहिता से ही प्रभावित जान पड़ती है किन्तु सामन्तवादी भोग विलास की परिस्थितियों ने स्त्री मूल्यों को नया मोड़ भी दे दिया था । सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा दार्शनिक क्षेत्र में स्त्री-चेतना बहुत चामत्कारिक रूप से प्रविष्ट हो चुकी थी। इस युग में स्त्री को सौन्दर्यानुभूति के तत्त्वों ने विशेष रूप से अनुप्राणित कर लिया था । ' फलतः कृत्रिम सौन्दर्य-प्रसाधनों तथा काम-विलास से सम्बन्धित श्रङ्गारिक हाव भावों द्वारा स्त्री प्राभिजात्य पुरुष वर्ग पर अपनी धाक भी जमाए हुई थी। किन्तु यह प्रभाव सामाजिक संरक्षण १. सर्वाः स्त्रियः प्रथमयौवनगर्ववन्त्यः सर्वाः स्वमातृपितृगोत्र विशुद्धवन्त्यः । सर्वाः कलागुणविधानविशेषदक्षाः सर्वा यथेष्टमुपभोगपरीप्सयिन्यः ॥ - वराङ्ग०, १.५६ तथा तां तथा समवलोक्य सत्यया चित्यतेस्म किमियं सुराङ्गना । नागयोषिदथ सिद्धकन्यका रोहिणी किमुत कामवल्लभा । - प्रद्यु०, ३.६२ २. उरसि प्रगल्भकुचकुम्भभासुरे मणिहारयष्टिमयतोरणावलीम् । सविधे स्ववल्लभस भागमोत्सवे रमयांचकार चतुरः प्रियाजनः ॥ — नेमि०, ६.४३ तथा तु० -- कुचो सुवृत्ती घृतहारयष्टी सकञ्चुकी रेजतुरम्बुजाक्ष्याः । रते स्थिताया हृदि रक्षणाय स्मरप्रयुक्ताविव सोविदल्लो ॥ — कीर्ति ०, ७.५४
SR No.023198
Book TitleJain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohan Chand
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year1989
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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