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राजनैतिक शासन तन्त्र एवं राज्य व्यवस्था
१२३ की दृष्टि से कुबड़ों को नियुक्त किया जाता था। कुबड़ी स्त्रियां भी भी होती थीं।
१०. सूपकार-१-भोजन बनाने वाला कर्मचारी । ११. मोजक२ --भोजन परोसने वाला कर्मचारी।
१२. भट3 (राजकर्मचारी)-प्राधुनिक 'सिपाही' की भाँति राजकर्मचारी होता था । राज-यात्रा के अवसर पर व्यवस्था आदि रखने का कार्य करता था शस्त्रादि से सुसज्जित अश्वारोही 'सुभटों' का उल्लेख हुअा है।४
१३. रजक-राजा तथा अन्य महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों के वस्त्र धोने वाला कर्मचारी । परि० के उल्लेखानुसार रजक को राजा द्वारा एक राजद्रोही व्यक्ति के वस्त्र वापस न देने का निर्देश भी दिया गया था।६।।
१४. चित्रकार-राजाज्ञा के अनुसार चित्रकारों को चित्र बनाने की आज्ञा देने के उल्लेख से ज्ञात होता है कि राज्य की ओर से भी चित्रकारों की नियुक्ति होती थी।
१५. नट - राज्य की ओर से 'नट' अभिनयादि के प्रदर्शन के लिए भी नियुक्त किये जाने की संभावना प्रतीत होती है। राज्य महोत्सव के अवसर पर नट-गाथक-सूत आदि के कला प्रदर्शन का उल्लेख हुअा है ।१०
१. पद्मा०, २.४८ २. वराङ्ग०, १५.२ ३. कीर्ति०, ६.१८ ४. तु० -पुरश्च पृष्ठेऽपि च पार्श्वयोश्च, परिस्फुटन्तः खरहेति हस्ताः । ' यात्राजनं वर्त्मनि तस्य शश्वदश्वाधिरूढा सुभटा ररक्षुः॥
-कीर्ति०, ६१८ ५. परि०, ७.५२ ६. वासांसि नार्पयत्तस्य रजको राजशासनात् । -वही, ७.५२ ७. वही, १.१३१ ८. तु०-अथादिशच्चित्रकरांस्तत्र यात तपोवने
वने निवसतो रूपमालिख्यानयत् द्रुतम् । -वही, १.१३१-३२ ६. द्विस०, ४.२२ १०. तु०-नटगाथकसूतसूनवः पटव: पेठुरुपेत्य मङ्गलम् ।
-वही, ४.२२