SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 155
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ राजनैतिक शासन तन्त्र एवं राज्य व्यवस्था महत्त्वपूर्ण उच्चाधिकारी था । १ (ग) राज्य के अन्य महत्त्वपूर्ण कर्मचारी जैन संस्कृत महाकाव्यों में अन्तःपुर तथा अन्य सैन्य प्रशासन सम्बन्धी कर्मचारियों का उल्लेख हुआ है । कार्याधिकारों सहित इन कर्मचारियों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है १. वनपाल ? — इसे 'उद्यानपाल' भी कहा जाता है । 3 वन की सुरक्षा का दायित्व इस कर्मचारी पर होता था । प्रायः जैन मुनि आदि के आगमन की सूचना भी राजा को वनपाल के माध्यम से ही प्राप्त होती थी । ४ २. द्वारपाल — द्वार पर स्थित महत्त्वपूर्ण कर्मचारी होता था जो समयसमय पर आने वाले व्यक्तियों को राजभवन में प्रवेश देने से पहले राजा की अनुमति प्राप्त करता था । 'दण्डधर', 'प्रतिहार' 5 'वेत्रिन् ' ' आदि इसके अपर नाम हैं । ७ ३. कंचुकी - अन्तःपुर का एक विश्वास पात्र सेवक । ४. विदूषक ११ – नाटकों में राजा के विश्वासपात्र मित्र के रूप में इसका वर्णन प्राप्त होता है जो अपने हास्यास्पद कथनों से राजा का मनोरञ्जन करता था । महत्त्व है । १. २. ३. ४. ८. ε. १०. १० १२ ५. गुप्तचर - राजा के राजनैतिक पक्ष की दृष्टि से गुप्तचर का विशेष गुप्तचर छद्मवेश से दूसरे राज्यों के गुप्त वृत्तान्त एकत्र करने में 3 १२१ ५. चन्द्र०, २.१ ६. धर्म०, २.७६ ७. वही, २.७६ पीछे द्रष्टव्य, पृ० ११६ धर्म०, ३.२, चन्द्र०, २.२ धर्म ०, २.७५ चन्द्र०, २.१-२ Narang, Dvayāśraya, p. 175 द्वा०, ७.१६, त्रिषष्टि०, २.२.६१ धर्म०, ४.३७ ११. वराङ्ग०, २३.४५ १२. द्विस०, २.१६, कीर्ति०, ५.१ १३. यशो०, २.२६
SR No.023198
Book TitleJain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohan Chand
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year1989
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy