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________________ राजनैतिक शासन तन्त्र एवं राज्य व्यवस्था प्राप्त होते हैं। 'राजा', 'युवराज' के अतिरिक्त 'अमात्य', 'सचिव', 'मन्त्री', 'पुरोहित', 'सेनापति', 'सान्धिविग्रहिक', 'दण्डनायक' पदों की गुप्तकालीन शासन व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण स्थिति थी।' मालोच्य महाकाव्यों की कालसीमा के अन्तर्गत दक्षिणभारत तथा उसके समीपवती भूभाग में गुर्जरदेश से सम्बन्धित चालुक्य शासन व्यवस्था,२ राजस्थान आदि प्रान्तों से सम्बन्धित प्रतिहार चाहमान आदि शासन व्यवस्था,3 कर्नाटक आदि प्रदेशों से सम्बद्ध अलूपीय एवं पश्चिमी चालुक्य शासन व्यवस्था महत्त्वपूर्ण है। इनके अतिरिक्त कदम्ब, राष्ट्रकूट, काकतीय, चाहमान तथा मुस्लिम शासन व्यवस्था की गतिविधियों से भी हम्मीर आदि कतिपय जैन संस्कृत महाकाव्य प्रभावित हुए हैं । जैन संस्कृत महाकाव्यों में केन्द्रीय शासन व्यवस्था से सम्बद्ध निम्नलिखित पदों का उल्लेख प्राप्त होता है :--५ १. विशेष द्रष्टव्य -Puri, B.N., History of Indian Administration, ____Vol. I. 1968, Bombay, p. 119-130 २. गुजरात के अन्तर्गत निम्नलिखित मण्डलों की शासन व्यवस्था सम्मिलित थी-अष्टादशशतमण्डल (माबु प्रान्त), अवन्ति मण्डल (मालव) भिल्लस्वामीमहाद्वादशकमण्डल (पर्वतीय प्रान्त), दधिपद्रमण्डल (पंचमहल जिला, झबुग्रा, रतलाम, आदि प्रदेश), गूर्जरमण्डललाटमण्डल (भड़ौच, सूरत तथा थाना के प्रदेश) कच्छमण्डल, मेदातटमण्डल, नर्मदातटमण्डल (भड़ौच का भाग, राजपिपला के प्रदेश तथा रवेड जिला) सत्यपुरमण्डल (जोधपुर), सारस्वतमण्डल (मेहसन, रधनपुर, पालनपुर), सौराष्ट मण्डल, तिम्वनकमण्डल, (भावनगर के समीप सौराष्ट स्थ प्रान्त) द्यतविमण्डल (कच्छ का प्रान्त विशेष)-विशेष द्रष्टव्य Munshi, K.M., Glory that was Gurjara Desa (A.D. 550-1300), Bombay, pp. 348-49. ३. भौगोलिक विभाजन के लिए द्रष्टव्य-Sharma, Dashratha, ___Rajasthan Through the Ages, pp. 18-19 ४. Saletore, B.A., Ancient Karnataka, Poona, 1936, Map I & p. 82 ५. तु०-भाण्डागारी चमूभर्ता दुर्गाध्यक्षः पुरोहितः । कर्माध्यक्षोऽथ दैवज्ञो मन्त्री मूलं हि भूभृताम् ।। -द्विस० २.२२ पर उद्धृत नेमिचन्द्र पदकौमुदीटीका तथा चन्द्र०, ४.४७ पर उद्धत मुनिचन्द्रकृत विद्वन्मनोवल्लभाटीका-'मन्त्रि-पुरोहित-सेनापतिदुर्गाधिकारी-कर्माधिकारी-कोशागारिक-दैवज्ञा इति सप्तविघं मौलं बलम् ।
SR No.023198
Book TitleJain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohan Chand
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year1989
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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