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________________ राजनैतिक शासन तन्त्र एवं राज्य व्यवस्था कष्टों को नहीं जान पाता, किन्तु गुप्तचरों द्वारा वह उनके कष्टों को जान सकता है, तथा उनकी सहायता कर सकता है । ' उत्तराधिकार का अधिकारी प्राचीन भारत की परम्परागत मान्यतानों के अनुसार राज्य का उत्तराधिकार प्रानुवंशिक होता था तथा प्रायः ज्येष्ठ पुत्र को ही राज्य का उत्तराधिकारी चुना जाता था । कौटिल्य के अर्थशास्त्र के मतानुसार राज्य का उत्तराधिकारी ज्येष्ठ पुत्र हो इसमें कोई हानि तो नहीं है किन्तु प्रविनीत राजपुत्र राज्य का उत्तराधिकारी नहीं हो सकता । 3 गुप्तकाल के ऐतिहासिक उदाहरणों से भी स्पष्ट संकेत प्राप्त होते हैं कि समुद्रगुप्त ने अपने छोटे पुत्र चन्द्रगुप्त द्वितीय को ही राज्य का उत्तराधिकारी चुना । स्वयं समुद्रप्त भी चन्द्रगुप्त का छोटा पुत्र था और राज्य का उत्तराधिकारी बना था । ४ जैन संस्कृत महाकाव्यों के अनुसार भी राज्य का उत्तराधिकारी राजा का वंशज होता था तथा ज्येष्ठ पुत्र को ही पहले उत्तराधिकार देने की मान्यता प्रसिद्ध थी । यदि ज्येष्ठ पुत्र अयोग्य हो तो छोटे पुत्र को राज्य का उत्तराधिकार दिया जा सकता था । वराङ्गचरित में राजा धर्मसेन तथा मन्त्रीवर्ग छोटे पुत्र वराङ्ग को राज्य देने के पक्ष में था, किन्तु राजा की दूसरी रानी अपने ज्येष्ठ पुत्र को राज्य दिलाना चाहती थी । हम्मीर महाकाव्य के अनुसार राजा के दोनों पुत्र समान योग्य थे, फलतः दोनों को क्रमशः राजा एवं प्रधानमन्त्री बना दिया गया । ७ प्रद्युम्नचरित में कनिष्ठ पुत्र को ही राज्य देने का उल्लेख मिलता 5 इसी प्रकार चन्द्रप्रभचरित में भी राजकुमार श्रीवर्मा यद्यपि छोटा पुत्र था किन्तु ज्येष्ठ पुत्रों की अपेक्षा अधिक योग्य होने के कारण उसी को राज्य का उत्तराधिकारी ९. वही, ४.३५ २. काणे, धर्मशास्त्र का इतिहास, भाग २, पृ० ५६६, तथा, तु० ८१ ३. तु० - अर्थशास्त्र, १.१७ ४. काणे, धर्मशास्त्र का इतिहास, भाग २, पृ० ५६६ ५. तु० - ज्येष्ठ सुते राज्यधुरः समर्थे पराभिषेकं तु कथं सहिष्ये । ६. वराङ्ग०, सर्ग ११, १२ ७. हम्मीर०, ४.४१ ८. प्रद्युम्न०, ४.६१ - हम्मीर० ८.५३ — वराङ्ग०, १२.६, तथा तु० - द्विस०, ४.२१
SR No.023198
Book TitleJain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohan Chand
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year1989
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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