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________________ जैन संस्कृत महाकाव्यों में भारतीय समाज पुरोहित, सेनापति, दुर्गाधिकारी, कर्माधिकारी, कोशागारिक, दैवज्ञ; 'पाटविक' के अन्तर्गत शबर सेना तथा 'सामन्तबल' के अन्तर्गत मित्र राजाओं की सेना की स्थिति मानी है।' इस प्रकार 'षड्विधबल' का उल्लेख सैनिक सङ्गठन के सन्दर्भ में किया गया है । 'श्रेणी' बल के अन्तर्गत उन अठारह तत्त्वों को स्वीकार किया गया है जिनका सैन्यबल की अपेक्षा राज्य व्यवस्था एवं सङ्गठन की दृष्टि से अधिक महत्त्व रहा था। नेमिचन्द्रकृत पद कौमुदी टीका के अनुसार 'षड्विधबल' का स्वरूप इस प्रकार है१. मौल-वंशपरम्परागत क्षत्रियादि सेना । २. मृतक५-पदाति सेना अथवा वेतन के लिए भरती हुई सेना । ३. श्रेणी ६-सेनापति, गणक, राजश्रेष्ठी, दण्डाधिपति, मन्त्री, महत्तर, तलवर, चतुर्वर्ण (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र), चतुरङ्गिणी सेना (पदाति, अश्व, गज तथा रथ सेना), पुरोहित, अमात्य तथा महामात्य । काणे महोदय ने श्रेणी बल के अन्तर्गत व्यापारियों तथा अन्य जन समुदायों की सेना को स्वीकार किया है।' ४. पारण्य - भील आदि जङ्गली जातियों की सेना ।५० प्रायः इसे 'शबर'११ १. 'मन्त्रिपुरोहितसेनापतिदुर्गाधिकारिकर्माधिकारीकोशागारिकदेवज्ञा इति सप्तविधं मौलं बलम् । पाटविकं शबरबलम् । सामन्तवलं राज्ञां बलम् ।' -चन्द्र० ४.४७ पर मुनिचन्द्र कृत विद्वन्मनोवल्लभा टीका, पृ० १०६ २. द्रष्टव्य-नेमिचन्द्र शास्त्री, संस्कृत काव्य०, पृ० ५३ ३. तु०-'श्रेणयोऽष्टादश-सेनापतिः, गणकः, राजश्रेष्ठी, दण्डाधिपतिः, मन्त्री महत्तरः, तलवरः, चत्वारो वर्णाः, चतुरङ्ग-बलं, पुरोहितः, अमात्यो, महामात्यः ।'-द्विसन्धान २.११ पर नेमिचन्द्रकृत पदकौमुदी टीका, द्विसन्धान, पृ० २७ ४. तु०-'मौलं पट्टसाधनम्' -द्विस. २.११, पदकीमुदी टीका, पृ० २७ ५. तु०-'भृतकं पदाति-बलम् ।' -द्विस०, २.११, पद०, पृ० २७ ६. द्विस०, २.११ पर पदकौमुदी टीका, पृ० २७ ७. वराङ्ग०, ११.६३ ८. पी० वी० काणे, धर्मशास्त्र का इतिहास, भाग २, पृ० ६७७ ६. 'पारण्यमाटविकम्' -द्विस० २.११, पदकौमुदी, पृ० २७ १०. नेमिचन्द्र, संस्कृत काव्य, पृ० ५३१ ११. तु० 'पाटविकं शबरबलम्' -चन्द्र० ४.४७ पर विद्वमनो०, पृ० १०६
SR No.023198
Book TitleJain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohan Chand
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year1989
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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