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0 कवि पुराणमनुशासितारमणोरणीयांसमनुस्मरेद्यः । सर्वस्य धातारमचिन्त्यरूपमादित्यवर्णं तमसः परस्तात् ॥१
शुक्ल यजुर्वेद में परमात्मा के लिए 'कवि' शब्द का प्रयोग इस प्रकार दृग्गोचर होता है0 कविर्मनीषी परिभूः स्वयम्भूः२ ।
__श्रीमद् भागवत् में वेदों के प्रकाशक ब्रह्माजी को आदिकवि कहा गया है0 तेनेब्रह्महदाय आदिकवये३
कविकुलगुरु कालिदास ने रघुवंशमहाकाव्य में भगवान् विष्णु को प्राचीन कवि कहा है
पुराणस्य कवेस्तस्य वर्णस्थानसमीरिता । बभूव कृतसंस्कारा चरितार्थैव भारती ॥४
'काव्यमीमांसा' में 'बाल्मीकि' को आदि कवि के रूप में स्वीकार कर इस प्रकार लिखा है
१. गीता ८६। ३. भागवत १।१।१।
२. शु० यजुर्वेद. ४०।८। ४. रघुवंश १०॥३६ ।
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