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________________ ( ४६ ) श्रीमश्नोत्तरप्रदीपे. १५ प्रश्न - मतिवासुदेवनी माता केटलां स्वप्न देखे. उत्तर - श्रीसोमतिलकसूरिकृतसप्ततिशतस्थानग्रन्थमां त्रण स्वप्न देखे एम कं छे. तथाचतदुग्रन्थः जिणचक्कीणयजणणी नियंतिचउदशगयाईवरसुविणे । सगचउति णिइगाईहरिखलप डिहरिमंडलियमाया ?" तथा श्री अजितप्रभसूरिकृतश्रीशान्तिनाथचरित्रमां महाविदेहमां थल दमितारिमतिवासुदेवनी माताए त्रण स्वप्न दीठां एम कहेलुं छे. 64 अने श्रीहेमाचार्यकृत श्रीजैनरामायणमां रावणनी माता “ कैकसी ” सिंहने देखती हवी एम एकज स्वप्न कहुं छे. तद्यथा. अन्यदाकैकसीस्वनेविशन्तंस्वमुखेनिशि ॥ कुंभिकुंभस्थली भेदप्रशक्तसिंहमैक्षत ॥ १ ॥ " १९ प्रश्न - रामस्त्रीसीता सती कया महाराजानी पुत्रीछे ? उत्तर - पद्मचरित्रने अनुसारे मिथिलापति जनकराजानी पुत्रीछे. अने वसुदेवहिंडीने अनुसारे लङ्कापतिरावणमहाराजानी पुत्रीछे. एवी रीते विचाररत्नाकरग्रन्थमां कहुछे. 66 २० प्रश्न- द्रौपदी महासती काळकरीने क्यां गई ते कहो. उत्तर - अनल्प पुण्यने धारण करनारी द्रौपदी ब्रह्मदेवलोकने पामतीहवी. एवं श्रीशत्रुञ्जयमाहात्म्यमां तथा श्रीज्ञाताध
SR No.023171
Book TitleTrigranth Samuchhay Prashnottar Pradip Paryushanashthnika Vyakhyan Panchjin Stuti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmivijay
PublisherBhogilal Kalidas Shah
Publication Year1909
Total Pages250
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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