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________________ ज्ञाताधर्मकथांग का भौगोलिक विश्लेषण खेट ज्ञाताधर्मकथांग में एकाधिक स्थानों पर 'खेट' का नामोल्लेख मिलता है। पाणिनि ने खेट को गर्हित नगर कहा है।192 मटम्ब ___ ज्ञाताधर्मकथांग में एकाधिक स्थानों पर 'मडम्ब' का उल्लेख आया है।193 आदिपुराण में उस बड़े नगर को मडम्ब कहा गया है जो पाँच सौ ग्रामों के मध्य व्यापार आदि का केन्द्र हो।194 जिसके चारों ओर आधे योजन तक कोई ग्राम न हो, उसे मडम्ब कहते है। आकर ___ ज्ञाताधर्मकथांग में 'आकर' (आगर) का उल्लेख एकाधिक स्थानों पर मिलता है।15 कालिकद्वीप में सोने-चांदी, रत्न व हीरों की खानें (आकर) थी। संवाह ज्ञाताधर्मकथांग में 'संवाह' का नामोल्लेख मिलता है। आचार्य महाप्रज्ञ के अनुसार जहाँ चारों वर्गों के लोगों का अति मात्रा में निवास हो, वह संवाह है।198 समभूमि में जहाँ किसान कृषि करके धान्य की रक्षा हेतु धान्य रखता है। (कल्पसूत्र, पृ. 119) आश्रम 'आश्रम' का उल्लेख भी ज्ञाताधर्मकथांग में मिलता है। उक्त संदर्भ के आधार पर कहा जाता है कि आश्रम उस स्थान को कहा जाता है जहाँ साधु, मुनि, तापस आदि निवास करते थे। निगम ज्ञाताधर्मकथांग में 'निगम' का उल्लेख मिलता है।200 आचार्य महाप्रज्ञ के अनुसार 'नयन्तीति निगमाः' अर्थात् वह नगर जहाँ पर बहुतायत व्यापार हो या व्यापारिक लोग निवास करते हों, उसे निगम कहा जाता था।201 सन्निवेश ___ ज्ञाताधर्मकथांग में 'सन्निवेश' का उल्लेख मिलता है।202 उक्त संदर्भ के आधार पर कहा जा सकता है कि यात्रा से आए हुए मनुष्यों के रहने का स्थान 'सन्निवेश' कहा जाता था। 89
SR No.023141
Book TitleGnatadharm Kathang Ka Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShashikala Chhajed
PublisherAgam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
Publication Year2014
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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