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________________ संस्कृति के तत्त्व एवं ज्ञाताधर्मकथांग (गाथापति) आदि शब्दों का प्रयोग हुआ है। ज्ञाताधर्मकथांग की कथाओं के अध्ययन से ज्ञात होता है कि तत्कालीन पारिवारिक जीवन सुखी था। रोहिणी की कथा संयुक्त परिवार के आदर्श को उपस्थित करती है, जिसमें पिता मुखिया था। पिता को ईश्वर तुल्य मानकर प्रातः उनकी चरणवन्दना की जाती थी। संकट उपस्थित होने पर पुत्र अपने प्राणों का उत्सर्ग भी पिता के लिए कर देने को तैयार हो जाते थे। अपनी संतान के लिए माता के अटूट प्रेम के कई दृश्य इन कथाओं में हैं यथा- मेघकुमार की दीक्षा की बात सुनकर उसकी माता का अचेत हो जाना।92 ज्ञाताधर्मकथांग की कथाओं में विभिन्न सामाजिक जनों का उल्लेख है। यथा- तलवर, मांडलिक, कौटुम्बिक, इभ्य, श्रेष्ठी, सेनापति, सार्थवाह, महासार्थवाह, महागोप, सायांत्रिक, नौवणिक, सुवर्णकार, चित्रकार, गाथापति, सेवक, दास, गणिका आदि ।83 जन्मोत्सव मनाने की परम्परा भी थी, उसमें उपहार भी दिया जाता था। राजकुमारी मल्ली की जन्मगांठ पर श्रीदामकाण्ड नामक माला दी गई थी, जन्मगांठ को वहाँ संवत्सरपडिलेहणयं कहा गया है। इसी प्रकार स्नान आदि करने के उत्सव भी मनाए जाते थे। चातुर्मासिक स्नान-महोत्सव प्रसिद्ध था। ज्ञाताधर्मकथांग की कथाओं में यह भी ज्ञात होता है कि उस समय समाज सेवा के अनेक कार्य किए जाते थे। नंदमणिकार की कथा से स्पष्ट है कि उसने जनता के हितार्थ एक ऐसी पुष्करिणी अर्थात् प्याऊ-वापी बनवाई थी, जहाँ छायादार वृक्षों के वनखण्ड, मनोरंजक चित्रसभा, भोजनशाला, अलंकार सभा, चिकित्साशाला आदि भी बनवाए, जिससे स्पष्ट है कि समाज कल्याण की भावना उस समय विकसित थी।86 ज्ञाताधर्मकथांग की इन कथाओं में श्रेणिक, मेघकुमार, धन्यसार्थवाह, थावच्चागाथा पत्नी, राजा जितशत्रु, माकन्दी सार्थवाह, नन्दमणियार, द्रुपदराजा व काली देवी आदि के अपार वैभव का वर्णन मिलता है।87 राजव्यवस्था ज्ञाताधर्मकथांग की इन कथाओं में राजव्यवस्था सम्बन्धी सामग्री प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। चम्पा के राजा कूणिक (अजातशत्रु) थे। राजगृह के राजा श्रेणिक की (उत्क्षिप्तज्ञातकथा) समृद्धि और राजकीय गुणों का पता चलता है। 61
SR No.023141
Book TitleGnatadharm Kathang Ka Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShashikala Chhajed
PublisherAgam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
Publication Year2014
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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