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नन्दी
ज्ञाताधर्मकथांग का सांस्कृतिक अध्ययन अन्तकृतदशांग प्रत्याख्यान
व्यववहार
महाकल्पश्रुत अनुत्तरोपपातिकदशांग
निशीथ
औपपातिक प्रश्नव्याकरण
महानिशीथ
राजप्रश्नीय विपाकसूत्र
ऋषिभाषित
जीवाभिगम दृष्टिवाद
जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति प्रज्ञापना द्वीपसागरप्रज्ञप्ति
महाप्रज्ञापना चन्द्रप्रज्ञप्ति
प्रमादाप्रसाद क्षुल्लिकाविमानप्रविभक्ति महाल्लिकाविमानप्रविभक्ति अनुयोगद्वार अंगचूलिका
देवेन्द्रस्तव वर्गचूलिका तंदुलवैचारिक अरूणोपपात
चन्द्रकवेध्यक वरूणोपपात
सूर्यप्रज्ञप्ति गरूडोपपात
पौरूषीमंडल धरणोपात
मण्डल प्रवेश वेश्रवणोपपात विद्याचरण विनिश्चय वेलन्धरोपपात गणिविद्या देवेन्द्रोपपात
ध्यानविभक्ति उत्थानश्रुत
मरणविभक्ति समुत्थानश्रुत
आत्मविशोधि नागपरितापनिका* वीतरागश्रुत निरियावलिका
संलेखनाश्रुत कल्पिका
विहारकल्प कल्पावतंसिका चरणविधि पुष्पिका
आतुरप्रत्याख्यान पुष्प चूलिका
वृष्णिदशा * पाठान्तर- नागपरिज्ञापणिका, नागपर्यावलिका। नोट : इस प्रकार श्रीमद् नन्दीसूत्रानुसार 12, 6 आवश्यक, 31 कालिक व 29 उत्कालिक सहित कुल 78 आगमों का उल्लेख मिलता है किन्तु इनमें से आज अनेक ग्रंथ उपलब्ध नहीं हैं।
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