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________________ 5. ज्ञाताधर्मकथांग का सांस्कृतिक अध्ययन दूसरे के सहयोग से परिपूर्ण करते हैं। सब मिलकर उत्सव और त्यौहार मनाते हैं। ज्ञाताधर्मकथांग में मेघकुमार का जन्मोत्सव, धन्य सार्थवाह द्वारा भोज का आयोजन तथा पाण्डुराजा द्वारा कल्याणकरण महोत्सव का आयोजन सामुहिक रूप से करने का उल्लेख मिलता है। कर्ता की सर्वोच्चता संयुक्त परिवार में कर्ता सर्वेसर्वा होता है। पारिवारिक क्रिया-कलापों का संचालन इसी मुखिया के निर्देशन में होता है। मुखिया का प्रमुख कार्य परिवार को एकसूत्र में बांधे रखना और उसका भविष्य उज्ज्वल और निचित करना है। ज्ञाताधर्मकथांग में धन्य सार्थवाह अपने परिवार का संचालन कुशलतापूर्वक करता है तथा भविष्य में परिवार के कुशल संचालन के लिए अपनी पुत्रवधूओं को कसौटी पर कसता है।24 संयुक्त उपार्जन परिवार के सदस्य संयुक्त रूप से कृषि या व्यापार का कार्य करते हैं। अपनी-अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार सदस्य सहयोग करते हैं तथा विकासपथ पर चरण न्यास करते हैं। ज्ञाताधर्मकथांग में माकन्दी पुत्रों- जिनपालिक और जिनरक्षित द्वारा धनोपार्जन के लिए बारह बार लवण समुद्र की संयुक्त यात्रा करने का भी उल्लेख मिलता है। समाजवादी व्यवस्था संयुक्त परिवार समाजवाद का ही एक सूक्ष्म रूप है। प्रत्येक सदस्य को क्षमता, स्थिति तथा योग्यता के अनुसार कार्य करने का अवसर प्राप्त होता 6. है। ज्ञाताधर्मकथांग की रोहिणी नामक कथा में धन्य सार्थवाह द्वारा अपनी पुत्रवधुओं को योग्यतानुसार कार्य सौंपना समाजवादी प्रकृति का नमूना है। विषम परिस्थितियों का सामना संयुक्त परिवारों का स्थायित्व अन्य परिवार की तुलना में अधिक रहा है। परिवार के एकाधिक सदस्य की मृत्यु, बेरोजगारी, अयोग्यता आदि से परिवार पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता और उसकी संरचना विघटित नहीं होती है। विभिन्न पीढ़ियों के व्यक्तियों के एक साथ रहने से अनुभव और 114
SR No.023141
Book TitleGnatadharm Kathang Ka Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShashikala Chhajed
PublisherAgam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
Publication Year2014
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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