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उल्लेख है । आत्मा की पर्यायों व उनके परिणमन का विवेचन करते हुए कहा गया है कि प्राणातिपात आदि 18 पापस्थान, तीन योग, उपयोग, बल, वीर्य आदि सभी आत्मा की पर्यायें हैं व आत्मा के सिवाय अन्यत्र कहीं परिणमन नहीं करती हैं । इस शतक में बंध के तीन भेद- जीव प्रयोगबंध, अनन्तरबंध, परम्परबंध करते हुए चौबीस दण्डकों में उनकी प्ररूपणा की गई है। भूमि विवेचन में पन्द्रह कर्मभूमियाँ व तीस अकर्मभूमियाँ बताई गई हैं तथा अकर्मभूमि व कर्मभूमि के विविध क्षेत्रों में उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी काल के सद्भाव व अभाव का निरूपण, चौबीस तीर्थंकरों के नाम, पूर्वश्रुत की अविच्छिन्नता, अन्तिम तीर्थंकर के तीर्थ की अविच्छिन्नता की कालावधि आदि का निरूपण हुआ है ।
पच्चीसवां शतक - पच्चीसवें शतक में बारह उद्देशक हैं । यह शतक बहुत विस्तृत है । सर्वप्रथम लेश्या व योग की अपेक्षा जीवों का अल्पत्व - बहुत्व, जीव
चौदह भेद, योग के पन्द्रह प्रकार, द्रव्य के भेद-प्रभेद, जीव व अजीव द्रव्य की अनंतता व असंख्येय लोक में अनन्त द्रव्यों की स्थिति का वर्णन किया गया है । संस्थान के छ: भेद, द्वादशविध गणि-पिटकों का निर्देश, छः द्रव्य, कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक है, परमाणु से अनन्त प्रदेशी स्कन्धों की सकंपता - निष्कम्पता, निगोद के जीव तथा आत्मा के औदयिक आदि छः भावों का वर्णन हुआ है। पच्चीसवें शतक के छठे उद्देशक में निर्ग्रन्थों के प्रकार उनमें वेद, राग, कल्प, चरित्र, ज्ञान, लेश्या आदि छत्तीस पहलुओं पर विचार किया गया है । इस शतक में श्रमण के आचार का विस्तार से विवेचन हुआ है । प्रायश्चित द्वार में दस प्रतिसेवना, आलोचना के दस दोष, दस आलोचना योग्य व्यक्ति, दस समाचारी, दस प्रायश्चित और बारह प्रकार के तप के भेदों का विस्तार से वर्णन हुआ है। इसके पश्चात् अन्त में समुचयभव्य, अभव्य, सम्यग्दृष्टि, मिथ्यादृष्टि आदि नारक जीवों की उत्पत्ति आदि के संबंध में विचार किया गया है।
तीसवां शतक - इस शतक में ग्यारह उद्देशक हैं जिनमें चार समवसरणों का वर्णन है
1. क्रियावादी, 2. अक्रियावादी, 3. अज्ञानवादी, 4. विनयवादी
आगे के उद्देशकों में इनके आयुष्य बंध, भव्यत्व - अभव्यत्व आदि का वर्णन हुआ है। कुल मिलाकर ग्यारह उद्देशकों में विभिन्न पहलुओं से क्रियावादी आदि का सांगोपांग वर्णन है ।
तेतीसवाँ शतक- तेतीसवें शतक में बारह अवान्तर शतक हैं, जिन्हें बारह एकेन्द्रिय शतक के नाम से कहा गया है । इस शतक में कुल 124 उद्देशक हैं ।
विषयवस्तु
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