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14.
5. कषायपाहुड, (भाग-1), पृ. 114 भारतीय दिगम्बर जैन संघ, चौरासी, मथुरा 6. तत्त्वार्थराजवार्तिक, 1.20, पृ. 73 7. व्या.सू. (भाग-1), सम्पा. मुनि मधुकर, प्रस्तावना, पृ. 15
समवायांग, सम्पा. मुनि मधुकर, 529, पृ. 179 9. नंदीसूत्र, मुनि मधुकर, 87, पृ. 179
(क) षटखण्डागम-1, पृ. 101 (ख) कषायपाहुड (भाग-1), पृ. 114 (ग) तत्त्वार्थराजवार्तिक, 1.20, पृ. 73 कषायपाहुड (भाग-1), पृ. 114 वही, पृ. 85 व्या.सू. (भाग-4), सम्पा. मुनि मधुकर, उपसंहार, पृ. 753
(क) वही, प्रस्तावना, पृ. 20 (ख) भगवई (1), सम्पा. आ० महाप्रज्ञ, भूमिका, पृ. 21 15. समवायांग, सम्पा. मुनि मधुकर, 529, पृ. 179 16. नंदीसूत्र, मुनि मधुकर, 87, पृ. 179 17. नंदीचूर्णि, 85 18. जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा, पृ. 127 19. भगवई (खण्ड-1), भूमिका, पृ. 37 20. वही, पृ० 36
Studies in the Bagwatisutra, Page 38 22. गोतमादिएहिं पुढे अपुढे वा जो पण्हो तव्वागरणं- नंदीचूणिसूत्र, 89, पृ. 65
तत्त्वार्थराजवार्तिक, 1.20, पृ. 73
व्या. सू., 13.9.2, 1.6.26, 1.8.10 25. वही, 8.2.29-30 26. वही, 7.1.5-6, 2.9.1
वही, 2.10.13-20, 7.7.2-19, 18.2.82-117 28. वही, 1.4.17-18, 13.7.33 29. वही, 7.1.13, 1.6.26
वही, 1.5.6, 6.10.15 31. नंदीसूत्र, सम्पा, मुनि मधुकर, 83-110 32. भगवई (खण्ड-1), सम्पा., आचार्य महाप्रज्ञ, भूमिका, पृ. 37 33. भगवतीवृत्ति, अभयदेव, पृ. 2-3 34. भगवई, (खण्ड-1), भूमिका, पृ. 39 35. व्या.सू. (भाग-4), प्रस्तावना, पृ. 102
21.
ग्रन्थ-परिचय एवं व्याख्यासाहित्य
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