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________________ 27. व्या. सू., 5.7.9-10 28. वही, 5.7.29 29. तत्त्वार्थसूत्र, 5.29 30. व्या. सू. 12.4.14-15 31. भगवतीवृत्ति, पत्रांक 568 32. भारतीय संस्कृति, पृ. 229 33. दर्शन साहित्य का इतिहास, पृ. 129 34. पंचास्तिकाय, गा. 77 35. तत्त्वार्थसूत्र 5.10-11 'अविभाज्यः परमाणुः - जैन सिद्धान्त दीपिका, 114 _ 'एगवण्णे एगगंधे एगरसे दुफासे पन्नते' - व्या. सू. 18.6.6 38. 'एयरसवण्णगंधं दोफासं सद्दकारणमसदं, खंधतरिदं दव्वं परमाणुं तं वियाणेहि' - पंचास्तिकाय, गा. 81 व्या. सू. 5.7.3-8 'अणड्ढे अमज्झे अपदेसे' - व्या. सू. 5.7.9 41. अनुयोगद्वार, प्रमाणद्वार 42. 'सिय दव्वं, सिय दव्वदेसे' - व्या. सू. 8.10.23 ‘परमाणुपोग्गले वाउयाएणं फुडे, नो वाउयाए परमाणुपोग्गलेणं फुडे' - वही, 18.10.4 44. वही, 14.4.8-9 45. वही, 20.5.15-19 46. वही, 18.8.16-23 47. वही, 25.4.189-206 48. वही 25.4.211-212 49. वही 5.7.1-3 50. व्या. सू. 16.8.13 51. वही, 14.4.1 52. वही, 5.7.14-21 'जहन्नेण एगं समयं, उक्कोसेणं अखंसेजं कालं' - वही, 5.7.22 54. वही, 1.10.1 55. व्या. सू. 8.9.9 56. वही, 12.4.1-13 57. वही, 13.4.28 58. वही, 13.7.2-5 53. 132 भगवतीसूत्र का दार्शनिक परिशीलन
SR No.023140
Book TitleBhagwati Sutra Ka Darshanik Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTara Daga
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2012
Total Pages340
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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