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________________ राजनीतिक एवं ऐतिहासिक विवरण • 283 156. वही, 14/371 157. पुर और जनपद, राजधानी, सेना और अन्त:पुर राज्य के महत्वपूर्ण अंग हैं-उत्तराध्ययन, 9/41 158. वही, 2/18। 159. ठाणं, 2/3901 160. उत्तराध्ययन, वृहवृत्ति पत्र 605 : दशवैकालिक हरिभद्रीय टीका, पत्र 1471 161. निशीथचूर्णि, भा०-3, पृ० 346 स्थानांगवृत्ति, पत्र 821 162. दशवैकालिक एक समीक्षात्मक अध्ययन, पृ० 2201 163. उत्तराध्ययन वृहद्वृत्ति, पत्र 6051 164. ठाणं लाडनूं संस्करण, पृ० 143। 165. वही। 166. उत्तराध्ययन वृहद्वृत्ति, पत्र 6051 167. निशीथचूर्णि भाग-3, पृ० 3461 168. स्थानांगवृत्ति, पत्र 82-83। 169. उत्तराध्ययन वृहद्वृत्ति, पत्र 6051 170. वही। 171. मोनियर विलियम्स, ए संस्कृत इंग्लिश डिक्शनरी, पृ० 2591 172. उत्तराध्ययन वृहद्वृत्ति, पत्र 6051 173. दशवैकालिक : एक समीक्षात्मक अध्ययन, पृ० 220: इसमें कर्बट का मूल अर्थ कूटसाक्षी अथवा जहां अनैतिक व्यवसाय होता है, से किया है। 174. ए संस्कृत इंग्लिश डिक्शनरी पृ० 2591 175. उत्तराध्ययन वृहद्वृत्ति, पत्र 6051 176. स्थानांग वृत्ति पत्र 83: निशीथचूर्णि, भाग 3। 177. वही। 178. वही। 179. वही। 180. वही। 181. वही। 182. वही। 183. वही। 184. उत्तराध्ययन, 9/31 185. वही, 14/371 186. मिथिलाराज नमि सब कुछ त्यागकर निर्ग्रन्थ मुनि हो गये। उन्हें विवेकमूलक वैराग्य का उदात्त जागरण हआ। नमिराज यकायक मनि हो गये हैं-इस त्याग की ज्ञान चेतना स्थिर है अथवा यह कोई क्षणिक उबाल है यह जानने व क्षात्र धर्म की याद दिलाने के लिए देवेन्द्र ब्राह्मण वेश में उनके पास आया किन्तु नमि का उत्तर था कि मिथिला जल रही है तो उसमें मेरा क्या है? मेरा तो कुछ भी नहीं जल रहा है। नमि के इस उत्तर में अध्यात्मभावना के प्राण भेद विज्ञान की चर्चा प्राप्त होती है। यदि नमि की देह भी जलती तो वह यह ही कहते। राज्य रक्षा, राज्य विस्तार, शत्रु और चोर लुटेरों के दमन की अपेक्षा अन्तर का राज्य, आत्मदमन, आत्मरक्षा अधिक महत्वपूर्ण हैं। बाहर की दुनिया को बचा लेने पर भी
SR No.023137
Book TitleJain Agam Itihas Evam Sanskriti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRekha Chaturvedi
PublisherAnamika Publishers and Distributors P L
Publication Year2000
Total Pages372
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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