SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 67
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शास्त्रारम्भ प्रथम शतक की संग्रहणी गाथा रायगिहचलणदुक्खे, कंखपओसे य पगइपुढवीओ । जावंते नेरइए, वाले गुरुए य चलणाओ ।। इस गाथा में श्री भगवती सूत्र के प्रथम शतक के अन्तर्गत दस उद्देशकों का नाम निर्देश किया गया है। दस उद्देशक इस प्रकार हैं (1) चलन-राजगृह नगर में श्री गौतम स्वामी ने भगवान् महावीर से 'चलन' के विषय में प्रश्न किया है और भगवान् ने उसका उत्तर दिया है। इस प्रश्न में 'चलन' शब्द पहले आया है, अतएव प्रथम शतक के प्रथम उद्देशक का नाम चलन है। (2) दुःख-दूसरे उद्देशक का नाम दुःख है। इसमें यह प्रश्न किया गया है कि-हे भगवान् ! जीवन अपने किये दुःख को भोगता है? इत्यादि। (3) कांक्षा प्रदोष-तीसरा उद्देशक कांक्षा प्रदोष है, क्योंकि उसमें कांक्षा-मोहनीय के विषय में प्रश्नोत्तर हैं। (4) प्रकृति-चौथा उद्देशक प्रकृति है। इसमें कर्म प्रकृतियों के संबंध में प्रश्नोत्तर हैं। ___(5) पृथिवी-पांचवे उद्देशक में पृथ्वी संबंधी वर्णन होने से उस उद्देशक का नाम 'पृथिवी' है। (6) यावत्-छठे उद्देशक में यावत्-जितनी दूर से सूर्य डूबता-निकलता दिखाई देता है, आदि प्रश्नोत्तर होंगे। अतएव इस उद्देशक का नाम यावत् है। (7) नेरयिक-सातवें उद्देशक के नारकियों के विषय में प्रश्नोत्तर होने से उसका 'नैरयिक' नाम है। (8) बाल - आठवें उद्देशक में बाल जीव संबंधी प्रश्न हैं, अतः वह 'बाल' नाम उद्देशक कहलाता है। ५६ श्री जवाहर किरणावली -
SR No.023134
Book TitleBhagwati Sutra Vyakhyan Part 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJawaharlal Aacharya
PublisherJawahar Vidyapith
Publication Year2006
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy