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साम्य साम्य
लाघव
गौरव
साम्य
साम्य
साम्य
साम्य उत्कर्ष अपकर्ष
साम्य
साम्य
साम्य साम्य
साम्य
साम्य
परिशिष्टम्-३ ५०. का० व्यञश्च
४।१।५० सम्प्रसारण का निषेध पा० व्यश्च
६।१।४३ सम्प्रसारण का निषेध ५१. का. संपरिभ्यां वा
४|११५१ वैकल्पिक सम्प्रसारण पा० विभाषा परेः
६।११४४ वैकल्पिक सम्प्रसारण का० तद् दीर्घमन्त्यम्
४।१।५२ दीर्घादेश पा० हल:
६।४।२ दीर्घादेश का० व: क्वौ
४।११५३ पा० अन्येषामपि दृश्यते ६।३।१३७ दीर्घादेश ५४. का० ध्याप्योः
४।१।५४ दीर्घादेश पा० ध्यायतेः सम्प्रसारणं च ३।२।१७८-वा०,, का० पञ्चमोपधाया धुटि चागुणे ४।१।५५ दीर्घादेश पा० अनुनासिकस्य क्विझलोः विङति ६।४।१५।। दीर्घादेश का० च्छ्वोः शूटौ पञ्चमे च
४।१५६ श् -ऊट आदेश पा० च्छ्वोः शूडनुनासिके च ६।४।१९ ऊ आदेश का० श्रिव्यविमविज्वरित्वरामुपधया ४१५७ ऊट आदेश पा० ज्वरत्वरश्रिव्यविमवामुपधायाश्च ६।४।२० ऊ आदेश का० राल्लोप्यौ
४|११५८ 'छ् -व् ' का लोप पा० राल्लोपः
६।४।२१ 'छ् -व् ' का लोप का० वनतितनोत्यादिप्रतिषिद्धेटां धुटि पञ्चमोऽच्चात:
४।१।५९ लोप-अकारादेश पा० अनुदात्तोपदेशवनतितनोत्यादीनाम० ६।४।३७ लोप-अकारादेश का० यपि च
४।१६० पञ्चम वर्ण का लोप पा० वा ल्यपि
६४।३८ अनुनासिक का लोप 'का० वा म:
४।१।६१ मकार का लोप पा० वा ल्यपि
६।४।३८ अनुनासिक का लोप का० तिकि दीर्घश्च
४।१।६२ दीर्घ-लोपनिषेध पा० न क्तिचि दीर्घश्च
६।४।३९ दीर्घ-लोपनिषेध का० उन्देर्मनि
४।१।६३ नकार का लोप पा० अवोदधौद्यप्रश्रथहिमश्रथाः ६।४।२९ निपातनविधि का० घजीन्धेः
४।१।६४ नकार का लोप पा० अवोदैधौद्यप्रथहिमश्रथाः .६।४।२९ निपातनविधि का० स्यदो जवे
४।११६५ निपातनविधि पा० स्यदो जवे
६।४।२८ निपातनविधि का० रन्जेर्भावकरणयोः
४।१।६६ नकार का लोप पा० घनि च भावकरणयोः ६।४।२७ नकार का लोप का० वुष्-घिणिनोश्च
४।१४६७ नकार का लोप : पा० घिनुणि च, रञ्जेरुप०,रजकरजनरज:सूप० ६।४।२४-वा० ,
साम्य साम्य
साम्य
साम्य
लाघव गौरव
लाघव गौरव साम्य साम्य लाधव गौरव लाघव गौरव साम्य साम्य साम्य साम्य सरलता दुरूहता