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________________ कातन्त्रव्याकरणम् साम्य स्वरवद्भाव निपातनविधि स्वरवद्भाव निपातनविधि वि-का लोप साम्य साम्य साम्य ‘य-व्' का-लोप साम्य ६८६ ३२. का० जिक्ष्योः शक्ये पा० क्षय्यजय्यो शक्यार्थे ३३. का० क्रीजस्तदर्थे क्रय्यस्तदर्थे का० वेलोपोऽपृक्तस्य पा० वेरपृक्तस्य का० बोर्व्यञ्जनेऽये पा० लोपो व्योर्वलि का० निष्ठेटीन: पा० निष्ठायां सेटि नाल्विष्ण्वाय्यान्तेनुषु पा० अयामन्ताल्वाय्येल्विष्णुषु का० लघुपूर्वोऽय् यपि पा० ल्यपि लघुपूर्वात् ३९. का० मीनात्यादिदादीनामा पा० मीनातिमिनोतिर्दाङ ल्यपि च । का० क्षेर्दीर्घः ४।१।३२ ६।१८१ ४।१।३३ ६।१।८२ ४।१।३४ ६।१६७ ४।१।३५ ६।१।६६ ४।१।३६ ६।४।५२ ४।१।३७ ६।४।५५ ४।१।३८ ६।४।५६ ४।१।३९ ३६. साम्य इन् प्रत्यय का लोप णिच् प्रत्यय का लोप इन्-लोप का निषेध अयादेश अयादेश साम्य साम्य आकारादेश साम्य साम्य पा० क्षियः साम्य साम्य साम्य " साम्य ४।१।४० दीर्घादेश ६।४।५९ ४।११४१ दीर्घादेश ६।४।६० ४।१।४२ स्फी-आदेश ६।१।२२ ४।१।४३ पी-आदेश ६।१।२८ ४।१।४४ निपातनविधि ६।१।२७ ४।१।४५ सम्प्रसारण ६।१।२३ ४।१।४६ सम्प्रसारण ६।१।२४ ४।१।४७ सम्प्रसारण ६।१।२५ सम्प्रसारण ४।१।४८ वैकल्पिक सम्प्रसारण ६।१।२६ वैकल्पिक सम्प्रसारण ४।१।४९ सम्प्रसारण का निषेध ६।१।४१,४२ सम्प्रसारण का निषेध ४१. का० निष्ठायां च पा० निष्ठायामण्यदर्थे स्फायः स्फी पा० स्फाय: स्फी निष्ठायाम् ४३. का० प्याय: पी: स्वाङ्गे पा० प्याय: पी: ४४. का० शृतं पाके पा० शृतं पाके का० प्रस्त्यः सम्प्रसारणम् पा० स्त्यः प्रपूर्वस्य का० द्रवघनस्पर्शयोः श्य: पा० द्रवमूर्तिस्पर्शयोः श्य: ४७. का० प्रतेश्च पा० प्रतेश्च ४८. का० वाऽभ्यवाभ्याम् पा० विभाषाऽभ्यवपूर्वस्य का० न वेज्योर्यपि पा० ल्यपि च, ज्यश्च साम्य साम्य साम्य साम्य साम्य साम्य साम्य साम्य
SR No.023091
Book TitleKatantra Vyakaranam Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJankiprasad Dwivedi
PublisherSampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay
Publication Year2005
Total Pages824
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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