SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 587
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चतुर्थे कृत्प्रत्ययाध्याये षष्ठः क्त्वादिपादः ५४९ [दु० वृ०] स्वान्यात्मीयज्ञातिवित्तानि। स्वार्थाभिधेयेषु करणेषूपपदेषु पुषो णम् भवति। स्वेन पोषति, पुष्यति, पुष्णाति वा। स्वपोषं पोषति, एवम् आत्मपोषम्, आत्मीयपोषम्, गोपोषम्, महिषीपोषम्, पितृपोषम्, मातृपोषम्, वित्तपोषम्, रैपोषम्।।१३०८। [क० त०] स्वार्थे०। स्वार्थस्य सामान्यतया ग्रहणमविशेषाज्जीवात्मा परमात्मा च तयोर्भेदात् स्वेनेत्यत्र करणत्वम् अर्थापत्त्या आत्मानं पोषयतीति कर्मत्वम्। आत्मीयस्योदाहरणं दर्शयति- गोपोषम्, महिषीपोषमिति।।१३०८। [समीक्षा] 'स्वपोषम्, धनपोषम्' इत्यादि शब्दरूपों के सिद्ध्यर्थ कातन्त्रकार ने णम् प्रत्यय तथा पाणिनि ने णमुल् प्रत्यय किया है। पाणिनि का सूत्र है- “स्वे पुष:" (अ०३।४।४०)। अत: प्राय: उभयत्र समानता ही है। [रूपसिद्धि] १. स्वपोषम्। स्व: पुष्+णम् अम्। स्वेन पोषति, पुष्यति, पुष्णाति वा। 'स्व' शब्द के उपपद में रहने पर 'पुष्' धातु से प्रकृत सूत्र द्वारा ‘णम्' प्रत्यय, लघूपधगुण तथा विभक्तिकार्य। २.९. आत्मपोषम्। आत्म+ पुष्+णम्+अम्। आत्मीयपोषम्। आत्मीय+ पुष् +णम्+अप। गोपोषम्। गो+पुष्+णम्+अम्। महिषीपोषम्। महिषी+पुष्+णम्+अम्। पितृपोषम्। पितृ-पुष्+णम्+अम्। मातृपोषम्। मातृ+ पुष्+णम्+अम्। वित्तपोषम्। वित्त+पुष्+णम् अम्। रैपोषम्। रै+पुष्+णम्+अम्। 'आत्म' आदि शब्दों के उपपद में रहने पर 'पुष्' धातु से णम् प्रत्यय आदि कार्य पूर्ववत्।।१३०८। १३०९. स्नेहने पिषः [४।६।२४] [सूत्रार्थ] स्नेहनवाचक करण के उपपद में रहने पर 'पिष्' धातु से ‘णम्' प्रत्यय होता है।।१३०९। [दु०वृ०] स्निह्यते सिच्यतेऽनेनेति स्नेहनमुदकादि। स्नेहनवाचिनि करणे उपपदे पिषो णम् भवति। उदपेषं पिनष्टि। उदकेन पिनष्टि। एवं तैलपेषम्, घृतपेषम्। उदकस्योद: पेषवासवाहनधिषु निपात्यते।।१३०९। [वि०प०] स्नेहने०। कथम् उदपेषम् उदकपेषमिति स्यादित्याह- रदकस्योद इत्यादि। एवम् उदवास:, उदवाहनः, उदधिरिति। तत् पुनर्लोकोपचाराद् वेदितव्यम्।।१३०९।
SR No.023091
Book TitleKatantra Vyakaranam Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJankiprasad Dwivedi
PublisherSampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay
Publication Year2005
Total Pages824
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy