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________________ २१० कातन्त्रव्याकरणम् इति । 'गिल इति । "ॠदन्तस्येरगुणे" (३।५।४२) इति कृते "वा स्वरे" (३।६।९९) इति लत्वम्।। ९९० । [क० च० ] नाम्युप०। 'कॄ विक्षेपे' (५।२१) इति । ननु 'कृञ् हिंसायाम्' (८।११) इति क्रैयादिकोऽप्यस्ति तत् कथमस्य साहचर्यम्, व्यभिचारित्वादित्याह - गृ धातुरिति हेमः । कृ धातुस्तावन्निरनुबन्धस्तत्साहचर्यान्निरनुबन्धस्यैव ग्रहणम्। 'कृ विक्षेपे' (५।२१) इति तौदादिकस्य साहचर्यात् तौदादिकस्य 'गृ निगरणे' (५।२२) इत्यस्यैव ग्रहणम् न तु 'गृ शब्दे' (८।२२) इति ॥९९०। , [समीक्षा] 'विलिखः, प्रियः, किरः' आदि शब्दों के सिद्ध्यर्थ दोनों ही व्याकरणों में 'क' प्रत्यय का विधान किया गया है । पाणिनि का सूत्र है “इगुपधज्ञाप्रीकिरः कः” (अ० ३।१।१३५) | कातन्त्रकार ने 'गृ' धातु का अधिक पाठ किया है, जो उनकी विशेषता कही जाएगी । अन्य तो उभयत्र समानता ही है । + [रूपसिद्धि] १. विक्षिपः । वि क्षिप् + क + सि । 'वि' उपसर्गपूर्वक 'क्षिप प्रेरणे' (३।१२५।५) धातु से प्रकृत सूत्र द्वारा 'क' प्रत्यय, 'क्' अनुबन्ध का प्रयोगाभाव, लिङ्गसंञ्ज्ञा, सि-प्रत्यय तथा विसर्गादेश । — २. विलिखः । वि + लिख् + क + सि । 'वि' उपसर्गपूर्वक 'लिख लिखने' (५/८२) धातु से 'क' प्रत्यय आदि कार्य पूर्ववत् । ३. प्रियः । प्री + क + सि । ‘प्रीञ् तर्पणे कान्तौ च' (८।२) धातु से प्रकृत सूत्र द्वारा 'क' प्रत्यय, “स्वरादाविवर्णोवर्णान्तस्य धातोरियुवा' (३|४|५५ ) से ईकार को 'इय्' आदेश तथा विभक्तिकार्य । ४. उत्किरः । उत् + कृ + क + सि । 'उत्' उपसर्गपूर्वक ‘कॄ विक्षेपे' (५।२१) धातु से प्रकृत सूत्र द्वारा 'क' प्रत्यय, “ऋदन्तस्येरगुणे' (३।५।४२) से ॠकार को 'इर्' तथा विभक्तिकार्य । ५- ६. गिरः, गिलः । गृ + क + सि । ‘गृ निगरणे' (५।२२ ). धातु से प्रकृत सूत्र द्वारा ‘क' प्रत्यय, “ॠदन्तस्येरगुणे” (३।५।४२) से ॠकार को 'इर्' आदेश तथा " वा स्वरे” (३।६।९९) से वैकल्पिक लत्व । ७. ज्ञः । ज्ञा + क + सि । जानाति । ‘ज्ञा अवबोधने' (८।३१) धातु से प्रकृत सूत्र द्वारा 'क' प्रत्यय, "आलोपोऽसार्वधातुके” ( ३।४।२७) से धातुगत आकार का लोप एवं विभक्तिकार्य ॥९९०|
SR No.023091
Book TitleKatantra Vyakaranam Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJankiprasad Dwivedi
PublisherSampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay
Publication Year2005
Total Pages824
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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