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________________ REST 52525 524 50 रुपये जुर्माने की सजा पायी थी। भारत छोड़ो आंदोलन के प्रारम्भ होते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा 18 मास कड़ी कैद एवं 200 रुपये जुर्माने की सजा दी गयी। कैराना के दीपचंद जैन भी इस आंदोलन में पकड़े गये। माया 9 अगस्त की दोपहर में जिले के प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही काम श्री अरुण गुप्त से साक्षात्कार लेते हुए लेखक कि विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में पहुंची, तो वहाँ के छात्रों में सरकार के प्रति गुस्से और रोष की लहर दौड़ गयी। डी. ए.वी. एवं एस.डी. इंटर कॉलेज के छात्रों ने एकत्रित होकर सरकार विरोधी जुलूस निकाला, जो राजकीय इण्टर कॉलेज तक गया। यहाँ पुलिस ने छात्रों को बेतों से पीटकर तितर-बितर कर दिया। इस जुलूस का नेतृत्व करने में जैन छात्रों का भी सहयोग रहा, जिनमें मामचन्द जैन एवं त्रिलोकचन्द जैन प्रमुख थे। मामचंद जैन ने आन्दोलन की अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय भाग लिया। 3 नवम्बर, 1942 को उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तथा भारत रक्षा कानून की धारा 38 के अंतर्गत 18 माह की कड़ी कैद और 50 रुपये का जुर्माना उन पर लगाया गया। Sim 12 अगस्त 1942 को छात्रों ने एक और जुलूस निकाला, जिसका नेतृत्व एस. डी. इण्टर कॉलेज के छात्र नेता लक्ष्मीचंद गुप्ता ने किया। इस जुलूस पर डिप्टी कलक्टर बलजीत सिंह ने स्वयं मौके पर पहुंचकर भयंकर लाठीचार्ज कराया। इस लाठीचार्ज में कई छात्र बुरी तरह घायल हो गये। सुखबीर सिंह जैन (घी वाले, पुरानी मंडी) पर पुलिस ने बर्बरता पूर्वक लाठी बरसाई। लाठीचार्ज में उनके हाथ की हड्डी टूट गयी और वे तत्काल बेहोश हो गये। पुलिस ने बेहोशी की हालत में ही उन्हें उठाकर जेल में बंद कर दिया। उ.प्र. सूचना विभाग के अनुसार उन्होंने 3 मास कड़ी कैद और 50 रुपये जुर्माने की सजा पायी। जैन समाज के विद्यार्थियों ने इस आन्दोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। 16 अगस्त 1942 को प्रातःकाल एस.डी. इण्टर कॉलेज के विद्यार्थी प्रेमचन्द जैन ने अपने साथियों के साथ सरकार विरोधी जुलूस निकाला। उन्होंने शाम के समय मेहता क्लब नई मण्डी (मुजफ्फरनगर) में आमसभा करने का ऐलान किया। जुलूस 'महात्मा गाँधी की जय', 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' के नारे लगाता हुआ नई मण्डी का चक्कर लगाकर मन भारत छोड़ो आन्दोलन में जैन समाज का योगदान :: 123
SR No.022866
Book TitleBhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmit Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2014
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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