________________
53
बौद्ध एवं जैन धर्म का भारतीय संस्कृति में योगदान तथा सदाचार ने भारतीयों को सदाचार पूर्ण जीवन जीने की महती प्रेरणा मिली तथा अहिंसा का सिद्धान्त भारतीयों का राष्ट्रीय सिद्धान्त बना।
इस प्रकार बौद्ध तथा जैन संस्कृति मनुष्य को संयम और आत्मानुशासन के पुनीत मार्ग पर भी आरूढ़ करती है। निश्चित ही यह दोनों ही संस्कृतियाँ महान हैं। बौद्ध एवं जैन धर्मों से भारत में एक नयी धार्मिक चेतना उत्पन्न हो गयी। इन दोनों ही धर्मों ने धार्मिक उदारता, सहिष्णुता, समत्व और एकत्व की भावनाओं का प्रतिपादन किया।
इस प्रकार इन संस्कृतियों ने मूर्तिपूजा, नवीन साहित्य का सृजन, शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति, धार्मिक जीवन, भारतीय कला पर प्रभाव, दर्शन, विदेशों से सम्पर्क में वृद्धि, नयी आचार संहिता (भिक्षुओं के नियम) बनाया। जिससे वास्तव में इस धर्म ने विश्व में अपनी श्रेष्ठता कायम की और भारतीय संस्कृति की रक्षा में अभूतपूर्व योगदान दिया।
सन्दर्भ 1. उत्तराध्ययन सूत्र 18/23 तथा सूत्र कृतांग 2/2/79 2. स्टडीज इन दि ओरिजिन्स आब बुद्धिज्म, अध्याय 80 3. DR. Radha Krishanan-Foreword to 2500 years of Buddhism,
p.!
4. The Age of Imperial Unity, Page, 350 5. आचारांगसूत्र 1/2/6/120 6. अभिधान राजेन्द्र, खंड, 4, पृ० 1441 7. बौद्ध धर्म के विकास का इतिहास पृ० 20 8. मज्झिम निकाय, 2, पृ० 36 9. दीर्घ निकाय (कूटदत्तसूत्त) पृ० 53