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61 भारतीय संस्कृति पर बौद्ध धर्म का प्रभाव
संदीप कुमार सिंह
भारतीय संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों पर बौद्ध धर्म का व्यापक प्रभाव दिखाई देता है जिनमें राजनीति, समाज तथा धर्म प्रमुख है।
सामाजिक जीवन में शाकाहारी भोजन का प्रचलन भिक्षु नियमों के अनुसार हुआ, जो अहिंसा को बल देता था। विशेष परिस्थितियों में बद्ध के द्वारा मांस खाने में छूट प्रदान की गयी थी। ऐसा माना जाता है कि बुद्ध की मौसी के सर में पीड़ा होने पर, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पहले मांस खाने से ठीक होता था, बुद्ध ने उस परिस्थिति में मांस खाने की छूट दे दी थी। वर्तमान समय की भांति सामाजिक उत्सवों पर यदि मांस परोसा जाता था, तो वहाँ खाने की छूट थी।
जाति-पाति के बन्धन को विशेष महत्व नहीं दिया जाता था क्योंकि बुद्ध के द्वारा अपने धर्म में भिक्षुओं के लिए इस प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नहीं था। अतः जातीय भेदभाव जो समाज में अनेक बुराईयों की जड़ था, बौद्ध में उस पर अंकुश लगाने का प्रयास किया। ___ समाज में नारियों को विशेष दर्जा दिया जाने लगा। जिस प्रकार से बौद्ध धर्म की भिक्षुणियों को समाज में घूमने तथा संघ में सम्मिलित होने की छूट थी, ठीक उसी प्रकार नारियों का भी संघ बनने लगा था।
बौद्ध धर्म का प्रभाव हिन्दू धर्म पर भी विशेष रूप से पड़ा। हिन्दू धर्म में प्रचलित पुरोहितवाद का बोलबाला घटने लगा। यज्ञ और बलि व्यवस्था भी कम होने लगी। जीव हिंसा के प्रति घृणा लोगों में बौद्धों की अहिंसा नीति के कारण उत्पन्न हुई। बौद्ध धर्म का हिन्दू धर्म पर प्रभाव इस प्रकार पड़ा कि भगवान बुद्ध को विष्णु के दशावतारों में नौवां अवतार माना गया। हिन्दू मंदिरों