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बौद्ध वास्तु-कला पर भारतीय संस्कृति का प्रभाव
351 शुंग-सातवाहन सम्राट यद्यपि ब्राह्मण धर्मावलम्बी थे। तथापि उनके समय भी पश्चिम एवं पूर्वी भारत में बौद्ध धर्म न केवल उन्नति हुई बल्कि उनके वास्तुकला का भी विस्तार एवं विकास हुआ। गुप्तकाल तक बौद्ध धर्म से सम्बन्धित स्तूप, चैत्य एवं मन्दिरों का निर्माण होता रहा।
अतः कहा जा सकता है कि बौद्ध वास्तु-कला पर प्राचीन भारतीय संस्कृति का पूर्ण प्रभाव रहा है।
___संदर्भ 1. रोनाल्ड, आर्ट एण्ड आर्किटेक्चर ऑफ इण्डिया। 2. ऋग्वेद 72.111 3. ऋग्वेद 124.71 4. अंगुत्तर निकाय, जिल्दी 2, पृ० 38-391 5. इण्डियन आर्किटेक्चर, पृ० 241 6. पर्सी ब्राउन, इण्डियन आर्किटेक्चर, पृ० 30। 7. वासुदेव शरण अग्रवाल, भारतीय कला।