________________
बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता
315 प्रासंगिकता बनाये हुए हैं तथा संसार के देश उन्हें कार्यान्वित करने हेतु प्रयासरत हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा गांधी जयंती को 'विश्व अहिंसा दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लेना सुखद है। भारत ने अपने राजचिन्ह के रूप में बौद्ध प्रतीक 'सारनाथ स्तम्भ का सिंह-शीर्ष' को ही ग्रहण किया है तथा वह शांति एवं सह अस्तित्व के सिद्धान्त का पोषक बना हुआ है। पंचशील का सिद्धान्त बौद्ध धर्म की ही देन है। आधुनिक संघर्षशील युग में यदि हम बुद्ध के सिद्धान्तों का अनुसरण करे तो निःसन्देह शान्ति एवं सद्भाव स्थापित हो सकती है।
जब हम देखते हैं कि आज भी विश्व के देश हथियारों की होड़ रोकने तथा युद्ध की विभीषिका को टालने के लिए सतत् प्रयत्नशील रहने के बावजूद सफल नहीं हो पा रहे हैं तथा मानवता के लिए परमाणु-युद्ध का गम्भीर संकट बना हुआ है, तब बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता स्वयमेव स्पष्ट हो जाती है। बुद्ध के उदात्त आदर्श विश्व शान्ति की स्थापना के लिए आज भी हमारा मार्ग दर्शन करते हैं।
संदर्भ 1. कर्न, मैनुअल ऑफ इण्डियन बुद्धिज्म, पृ० 67 2. राव, राजवंत, प्राचीन भारत में धर्म और राजनीति, पृ. 173 3. पाण्डेय, गोविन्द चन्द्र, ओरिजिन्स ऑफ बुद्धिज्म, पृ० 434-35 4. मज्झिम निकाय, 3, पृ० 245, संयुक्त निकाय-1, पृ. 15 5. शर्मा, चन्द्रधर, भारतीय दर्शन, पृ० 49 6. पाण्डेय, गोविन्द चन्द्र, स्टडीज इन द ओरिजिन्स ऑफ बुद्धिज्म 7. राव, विजय बहादुर, मगध साम्राज्य का उदय (सं० श्रीराम गोयल) पृ० 246
+