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श्रमण-संस्कृति
दिल्ली, द्वितीय संस्करण 1997, पृ० 296 5. गोबिन्दचन्द्र पाण्डेय, तत्रैव, पृ० 199 से 201 6. पी० वी० बापट (सम्पा०), तत्रैव, पृ० 148-159 7. पी० वी० बापट (सम्पा०), तत्रैव, पृ. 160-161 8. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, इण्डियन फिलासफी, जिल्द प्रथम, पृ० 608