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प्रारम्भिक बौद्ध वाङ्गमय में प्रतिबिम्बित नारी जीवन
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गणराज्यों में गणिकाओं का वैभव चमत्कृत करने वाला था । इन्हें नगर बधू कहा जाता था। आम्रपाली दर्शनीय रूपवती, नृत्य संगीत एवं वाद्य में चतुर थी । उसके सौन्दर्य पर अनुरक्त होकर अनेक राजपुत्र उससे विवाह करने के लिए लालायित थे । नैगम आम्रपाली को देखकर चमत्कृत हो गया और उसने विश्विसार से प्रार्थना की हमारे राज्य में भी गणिका होनी चाहिए। तब राजगृह में अत्यन्त दर्शनीय परम रूपवती सालवती नाम की गणिका बनी । इन्हें राज दरबार में अत्यधिक सहायता तथा सम्मान मिलता था और इनका गणिकाभिषेक भी किया जाता था । गणिकाएं आर्थिक दृष्टि से समृद्ध होती थी तथा उनका जीवन वैभवपूर्ण था । रथ पर आरूढ़ होकर वे राजमार्ग पर निकलती थी तो राह के दोनों ओर खड़े लोगों की दृष्टियां उन्हें सम्मान भाव से निहारती थी । गणिकाएं छल और वाक-चातुर्य में निपुण होती थीं। बौद्ध साहित्य में वर्णित कतिपय गणिकाएँ बौद्धिक और सांरतिम गुणों में तत्कालीन आमि जात्य कुलीन कन्यों से बढ़कर ही थी । गणिकएं धार्मिक एवं सामाजिक उत्सवों में सम्मान हिस्सा लेती थी। समाज के अच्छे कुलो से उनमें धनिष्ठ सम्बन्ध होते थे। वे कुलीन परिवारों में आती जाती थी और विशिष्ट परिवारों के सदस्यों का स्नेह भाजन भी हुआ करती थी ।
समाज में कुछ नारियां ऐसी थी जिन्होंने अपनी धार्मिक प्रवृत्ति के फलस्वरूप अथवा पति में प्रव्रजित हो जाने पर असीम दुःख के कारण संसार को नश्वर मानकर शान्तिमय जीवन व्यतीत करना श्रेष्ठ समझा और उन्होंने भिक्षुणी जीवन को अपनाया। यद्यपि महात्मा बुद्ध नारियों के प्रब्रज्या देने के पक्षधर नहीं थे किन्तु अपने शिवय आनन्द के आग्रह पर सर्व प्रथम उन्होंने महाप्रजापति गौतमी के साथ नन्दा, यशोधरा आदि के साथ पाँच सौ शाम्य कुमार पत्नियों को बौद्ध धर्म में प्रब्रजित किया था। बाद में भिक्षुणियों की संख्या बढ़ने लगी और अधिकांश स्त्रियाँ गृहस्थ जीवन का बन्धन तोड़कर संघ में प्रविष्ट होने लगी थी। मुक्ता तथा उत्तरा ने अपने गृहस्थ जीवन में घरेलू कार्यों सेकर संघ में प्रवेश किया था । प्रारम्भिक बौद्ध साहित्य हम बात के साक्षी है कि संघ में भिक्षुणी के रूप में दीक्षा प्राप्त करने के बाद अनेक स्त्रियों ने बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार में तथा संघ को सुदृढ़ करने में अपना महत्व पूर्ण योगदान किया। गौतमी खेमा जैसी विदुषी और साधिकांए बौद्ध धर्म के इतिहास में दीपमालिकाओं की तरह प्रकाशमान है।