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जैन धर्म का भारतीय संस्कृति पर प्रभाव
सन्दर्भ 1. उत्तराध्ययन 20/37-38। 2. सूत्रकृतांग शी० वृ० 2/5/14। 3. धर्मसंग्रहणी-मलयागिरि, वृ० 251 4. उत्तराध्ययन 25/321 5. सागारधर्मामृत 1/11रु० धर्मबिन्दु, 3/5 । 6. दश वैकालिक सूत्र 1/1, सर्वार्थासिद्धि 6/13। 7. प्रमत्त योगात्प्राणव्य परोपणं हिंसा, तत्वार्थ सूत्र 7/13 । 8. दशवैकालिकसूत्र 6/91 9. भावपाहुण 143, दशवैकालिक 1/1। 10. उत्तराध्ययन 25/9-27 । 11. प्रो० भागचन्द्र जैन भास्कर जैन दर्शन और संस्कृति का इतिहास, नागपुर विश्वविधलय
1977 पृ० 12-15। 12. प्रो० भागचन्द्र जैन भास्कर, भारतीय संस्कृति में जैनधर्म का अवदान, पार्श्वनाथ
विद्यापीठ, वाराणसी पृ० 33-34। 13. डॉ० नरेन्द्र भानावत, कर्म सिद्धान्त, सम्यवज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर, राजस्थान
पृ० 251 14. मोहनलाल महतो, जैन धर्म दर्शन, पार्श्वनाथ शोध संस्थान, वाराणसी।