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6. टैगोर, रवीन्द्रनाथ, टॉक्स इन चायना, नई दिल्ली, इंट्रोडक्शन 7. चांग कारसुन, गांधियन इण्डिया एण्ड चायना, पृ. 142; एस.एन. सेन, इण्डिया थू चायनीज आइज, कलकता, 1956 पृ. 1 8. तानचुंग वही पृ. 14 9. केहमू, चिन, ए शॉर्ट हिस्ट्री आफ शिनो-इंडियन फेण्डशिप, बीजिंग 1958 पृ. 93-94 10. वही पृ. 22-23 11. वही पृ. 24 12. वही पृ. 95-96 13 तानचुंग, पूर्वोदधृत, पृ. 7 14, केहमू, चिन, पूर्वोदधृत, पृ. 28-29 15 वही पृ. 98 16. वही पृ 34 एवं तान चुंग, इण्डिया एण्ड चायना, में प्रभावों का उल्लेख किया है। 17. तान-चुंग, पूर्वोदधृत, पृ. 21-22 महेन्दुलाल गर्ग ने अपने चीन दर्पण (1903) नामक पुस्तक में चीनी थियेटर का उल्लेख
चीन जाकर देखने के पश्चात् किया है। 18 तान-चुंग, पूर्वोदधृत, पृ. 19-20 19. चीन-केहमू पूर्वोदधृत पृ. 41 20. वही पृ. 42 21. वही पृ. 94 22. बापट, 2500 ईयर्स आफ बुद्धिज्म, नई दिल्ली 1997, पृ. 213 23. वही पृ. 221 24. वही पृ. 210-11 25. वही पृ. 212 26. चिन केहमू पूर्वोदधृत पृ. 90-91 27. तान-चुंग, इण्डिया हॉरिजिन्स, भाग 43 नं. 1-2, 1995, पृ. 16 28 बापट, पूर्वोदधृत पृ. 53-54 एवं तानचुंग, इण्डिया एण्ड चायना, पृ. 4 29. बापट, पूर्वोदधृत पृ. 214-15 30. वही पृ. 219-20