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________________ ऋग्वेद की विदुषी नारियाँ /371 64. अष्टाध्यायी 4.1.7-8 पर महाभाष्य 65. ऋग्वेद 10.60.1-6 66. ऋग्वेद 4.18.5-7 67. ऋग्वेद 10.134.6 68. ऋग्वेद 10.154.3 69. ऋग्वेद 10.108.2, 70. ऋग्वेद 10.39.8 71. ऋग्वेद 10.102.9 72. ऋग्वेद 5-10-9; शिवदत्त ज्ञानी, वेदकालीन समाज, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, 1907, पृ. 166 73. ऋग्वेद 10.154.3, 10.95.7, 10.126.6, 10.86.12 74. ऋग्वेद 10.125.3, 'अहं राष्ट्री संगमनी वसूनाम्।' 75. ऋग्वेद 10.39.7, 1.116.13 76. ऋग्वेद 10.126.1-7 77. 'तमेव मन्ये नृपतिं जनानां यः प्रथमो दक्षिणामाविवाय' ऋग्वेद 10.107.5 78. ऋग्वेद 10.109.11 79. ऋग्वेद 5.28.1 80. ऋग्वेद 10.109.7, उर्ज पृथिव्यां भक्त्वायोरूगायमुपासते। 81. ऋग्वेद 8.91,7 82. ऋग्वेद 10.40.3 83. ऋग्वेद 10.125.2 84. ऋग्वेद 10.159.5 85. ऋग्वेद 5.28.1, समिद्धो अग्निदिवि शोचिर श्रेत्प्रत्यडुषसमुर्विया विभाति । 86. ऋग्वेद 9.86,9.104 87. निरुक्त, 7.4.15, देवः दानाद् वा, दीपनाद् वा, द्योतनाद् वा, धुस्थानो भवति इति वा । यो देवः, सा देवता। 88. ऋग्वेद 5.28.4, समिद्धस्य प्रमहसोऽग्ने वन्दे तव श्रियम्।। 89. ऋग्वेद 10.109.2, अग्निर्होता हस्तगृह्या निनाय। 90. ऋग्वेद 5.28.1 91. ऋग्वेद 10.85.38 92. ऋग्वेद 1.86.9, विश्वस्मादिन्द्र उत्तरः। 93. ऋक्षवेद 10.40.13 94. ऋग्वेद 10.39.1-14, 10.40.1-14 95. ऋग्वेद 10.109.2 96. ऋग्वेद 10.85.23-26 97. ऋग्वेद 10.86.9 98. ऋग्वेद 4.18.6 99. ऋग्वेद 10.85.24, ऋतस्य योनौ सुकृतस्य लोकेऽरिष्टां त्वा सह पत्या दधामि। 100. ऋग्वेद 140.109.1 101. ऋग्वेद 10.10.12 102. ऋग्वेद 10.151.1.4
SR No.022813
Book TitleJignasa Journal Of History Of Ideas And Culture Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVibha Upadhyaya and Others
PublisherUniversity of Rajasthan
Publication Year2011
Total Pages236
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size11 MB
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